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विश्व प्लास्टिक सर्जरी और स्थापना दिवस के अवसर पर हैंड्स-ऑन कार्यशाला का आयोजन संपन्न

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भोपाल
बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग, एम्स भोपाल ने विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस और विभाग के स्थापना दिवस के अवसर पर 15 जुलाई 2023 को माइक्रोसर्जरी पर एक सीएमई और कपलर एनास्टोमोसिस पर हैंड्स-ऑन कार्यशाला का आयोजन किया । एम्स भोपाल के अध्यक्ष डॉ. सुनील मलिक ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और विभाग को अब तक हुई उत्कृष्ट प्रगति के लिए बधाई दी । एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह इस कार्यक्रम में शामिल हुए और विभाग के संबंध में अपनी अंतर्दृष्टि और मार्गदर्शन प्रदान किया । उन्होंने रोगी देखभाल, शिक्षण/प्रशिक्षण और अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्किन बैंक की स्थापना और फ़ेलोशिप कार्यक्रम शुरू करने की पेशकश की ।

प्रोफेसर (डॉ) राजेश मलिक, डीन अकादमिक, डॉ अजीत कुमार, उप निदेशक (प्रशासन) और प्रोफेसर (डॉ) शशांक पुरवार, कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए तथा बर्न और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रयासों की सराहना की । इस कार्यक्रम को आयोजन अध्यक्ष के रूप में डॉ. मनाल एम खान, आयोजन सचिव डॉ. दीपक कृष्णा, संकाय सदस्य डॉ. गौरव चतुर्वेदी, डॉ. वेद प्रकाश राव, डॉ. राहुल दुबेपुरिया, डॉ. अभिनव सिंह और रेजिडेंट डॉक्टर, डॉ. विकास, डॉ. माधुरी, डॉ. प्राग्ना और डॉ.राधिका ने मिलकर आयोजित किया । कार्यक्रम के पहले भाग में दिल्ली से डॉ. राज मानस, डॉ. विनय वर्मा और भोपाल के डॉ. आरके मेहता, डॉ. अरुण भटनागर, डॉ. हरि सिंह बिसोनिया के अतिथि वक्ताओं के साथ माइक्रोसर्जिकल प्रक्रियाओं के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए अकादमिक चर्चाएं आयोजित हुई  । कार्यक्रम के दूसरे भाग में वीनस कपलर एनास्टोमोसिस पर लाइव प्रदर्शन किया गया । इस कार्यक्रम में लगभग 50 प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।

विभागाध्यक्ष डॉ. मनाल एम खान ने विभाग का अवलोकन एवं प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की । उन्होंने बताया कि कार्यपालक निदेशक प्रो डॉ अजय सिंह के नेतृत्व में पिछले एक वर्ष के दौरान विभाग का बहुत तेजी से विकास हुआ है । अब विभाग के पास उन्नत उपकरण हैं और यहाँ सभी प्रकार की प्लास्टिक, कॉस्मेटिक और माइक्रोसर्जिकल प्रक्रियाएं की जा रही हैं । एम्स भोपाल में उंगलियों और हाथ के पुन: प्रत्यारोपण और माइक्रोसर्जिकल फ्लैप ट्रांसफर सहित माइक्रोसर्जरी नियमित रूप से की जा रही है । विभाग न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि आसपास के राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के मरीजों की जरूरतों को भी पूरा कर रहा है ।