लिम्बर्ग
भारतीय महिला हॉकी टीम जर्मनी दौरे पर आज रविवार को चीन के खिलाफ अपने पहले मुकाबले के लिए मैदान पर उतरेगी तो उसकी कोशिश एशियाई खेलों के लिए अपनी खामियों को दूर कर तैयारियों को अमली जामा पहनाने की होगी।
भारतीय टीम इस दौरे में तीन मैच खेलेगी। चीन के बाद यह टीम जर्मनी के खिलाफ 18 और 19 जुलाई को क्रमश विस्बाडेन और रसेलहेम में दो मैच खेलेगी। यह दौरा भारतीय महिला खिलाड़ियों के लिए बहुत महत्व रखता है क्योंकि इससे उन्हें 23 सितंबर स आठ अक्टूबर तक चीन के हांगझोउ में होने वाले एशियाई खेलों से पहले खुद को आंकने का मौका मिलेगा।
गोलकीपर सविता पूनिया की अगुवाई वाली भारतीय टीम को दौरे के पहले मैच में चीन को परखने का मौका मिलेगा। चीन की टीम एशियाई खेलों में अपनी घरेलू सरजमीं का फायदा उठाने की कोशिश करेगी।
सविता ने कहा, ‘‘यह दौरा भारतीय महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक चीन के हांग्झोउ में होने वाले महाद्वीपीय खेलों से पहले अपना आकलन कर पायेंगी। इससे हमें सुधार की जरूरत है के बारे में पता चलेगा।''
इस मुकाबले से पहले अगर रैंकिंग को देखें तो आठवें स्थान पर काबिज भारतीय टीम 11वें स्थान की चीन की टीम पर जीत की दावेदार होगी।
पिछली बार दोनों टीमें स्पेन और नीदरलैंड में एफआईएच महिला विश्व कप (2022) में एक-दूसरे से भिड़ी थीं, जहां मैच 1-1 से बराबरी पर समाप्त हुआ था।
साल 2013 के महिला एशिया कप के बाद से दोनों टीमों का 17 बार आमना-सामना हुआ है, जिसमें भारत 10 मौकों पर विजयी रहा है, जबकि चीन ने पांच मैच जीते हैं और दो मैच बराबरी पर छूटे हैं।
भारतीय उप-कप्तान दीप ग्रेस ने कहा, ''हम अपने प्रतिद्वंद्वी टीम को अच्छी तरह से जानते हैं। हमने हाल ही में कई बार चीन के खिलाफ मुकाबला किया है। हम जानते हैं कि वे क्या करने में सक्षम हैं। इस मुकाबले से हमें खुद को बेहतर तैयार करने का मौका मिलेगा। ''
भारत के मुख्य कोच यानेके शॉपमैन चाहती है कि खिलाड़ी टीम की योजनाओं पर कायम रहें और दौरे पर अपनी ताकत के अनुसार खेलें।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने दौरे से पहले शिविर का आयोजन किया था। हमें टीम के मजबूत पक्ष के बारे में पता है। चीन और जर्मनी दोनों के पास मजबूत और संतुलित टीमें हैं।
शॉपमैन ने कहा, ''हम अपनी ताकत के अनुसार खेलना जारी रखेंगे और अपनी योजनाओं पर कायम रहेंगे। हमें दौरे पर अच्छे नतीजे मिलने की उम्मीद है।''