नई दिल्ली
पिछले तीन हफ्तों में देश के अलग-अलग शहरों में टमाटर की कीमतों (Tomato Price) में कई गुना उछाल आया है. इसकी वजह से आम आदमी के किचन का बजट बिगड़ गया. लोकलसर्किल के सर्वे में टमाटर की खरीदारी और इसकी खपत पर एक दिलचस्प आंकड़ा सामने आया है. सर्वे में कहा गया है कि 46 फीसदी परिवार अब टमाटर के लिए 150 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक का भुगतान कर रहे हैं. वहीं 14 फीसदी परिवारों ने टमाटर खरीदने ही बंद कर दिए हैं और 68 फीसदी ने तो इसका इस्तेमाल ही कम कर दिया है.
अचानक से बढ़ी टमाटर की कीमत
राजधानी दिल्ली में टमाटर की कीमतें 24 जून को 20-30 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 180 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं. यहां तक कि कुछ किस्मों या अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर का भाव 220 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया. अन्य शहरों में और तमिलनाडु और केरल जैसे देश के कुछ राज्यों में टमाटर की कीमत अब भी 180 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक है. टमाटर की कुछ किस्में और भी महंगी बिक रही हैं.
उदाहरण के लिए कुछ शहरों में 'देसी' टमाटरों की कीमतें 180-250 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई हैं. जबकि संकर और हरी किस्में सस्ती हैं. कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 150 से 180 रुपये प्रति किलोग्राम की रेंज में हाइब्रिड और हरी किस्म की टमाटर बेच रहे हैं.
दिल्ली में सस्ती दर पर बिकना शुरू हुआ टमाटर
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एNCCF) को प्रमुख उपभोग केंद्रों में एक साथ वितरण के लिए टमाटर की खरीद तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया है. हालांकि, उपलब्धता सीमित होने के बावजूद, दिल्ली में शुक्रवार (14 जुलाई) से टमाटर 90 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिकना शुरू हो गया है.
सर्वे में शामिल हुए इतने लोग
लोकलसर्किल के सर्वे में भारत के 342 जिलों के नागरिकों से 22,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं ली गईं. इसमें 65 फीसदी पुरुष और 35 फीसदी महिलाएं थीं. 42 फीसदी टियर 1, 34 फीसदी टियर 2 और 24 फीसदी उत्तरदाता टियर 3, 4 और ग्रामीण जिलों से थे.सर्वे में शामिल 87 फीसदी उपभोक्ताओं ने पुष्टि की कि वे अपनी नई खरीद के दौरान टमाटर के लिए 100 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक का भुगतान कर रहे हैं.
इतने फीसदी ने बंद कर दिया टमाटर का इस्तेमाल
100 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक भुगतान करने वाले परिवारों का प्रतिशत 27 जून को 18% से बढ़कर 14 जुलाई को 87% हो गया. सर्वेक्षण में शामिल 68 फीसदी परिवारों ने संकेत दिया कि उन्होंने टमाटर की खपत कम कर दी है, जबकि 14 फीसदी ने अभी इस्तेमाल बंद कर दिया है.
आंकड़ों से पता चलता है कि सर्वे में शामिल 14 फीसदी परिवारों ने टमाटर खाना बंद कर दिया है. 35 फीसदी ने खपत काफी कम कर दी है. 33 फीसदी ने इसे आंशिक रूप से कम किया है और केवल 16 फीसदी ने खपत को सामान्य रखा है और टमाटर खरीदने के लिए अधिक भुगतान किया है.