धार
धार जिले के मलेरिया उच्च जोखिम वाले 13 गांवो में होम्योपैथिक औषधि मलेरिया ऑफ 200 का वितरण किया जा रहा है। जिला आयुष अधिकारी डॉ रमेश चंद्र मुवेल, डॉ नरेंद्र नागर ,डॉ गायत्री मुवेल एवं गांव के उपसरपंच गोपी चंद कामदार ने ब्लॉक तीसगाँव के गाँव रानीपुरा पहुंच कर ग्रामीणो एवं आमजन, स्कूल के छात्र, छात्राओं को मलेरिया बचाव एवं औषधि सेवन के तरीके के बारे में बताया । साथ ही होम्योपैथिक औषधि मलेरिया ऑफ 200 के सेवन के तरीके के बारे मे बताया । बताया गया कि होम्योपैथिक औषधि का सेवन करते समय मुख को साफ रखे, होम्योपैथिक दवाई खाने के पहले एवं बाद में कोई भी चीज न खायें, 15 मिनिट का अंतर रखे। दवाई को बच्चों की पहुॅच से दूर रखें, दवाई मीठी होने के कारण बच्चों के द्वारा पूरी दवाई की फाइल्स खा ली जाती है।
दवाई खुशबूदार चीजो से दूर रखें। दवाई को फाइल्स के ढक्कन, या चम्मच में लेकर सेवन करें। दवाई का सेवन होम्योपैथिक चिकित्सक की सलाह से करें।मलेरिया के लक्षण, तेज ठण्ड देकर बुखार, ज्वर के साथ, कंपकपी, सिरदर्द, बदन दर्द, उल्टी होना मलेरिया के प्रमुख लक्षण है। बुखार 102 से 104 फेरन्हाईट होता है तथा करीब दो घंटे बाद पसीना आकर बुखार उतर जाता है। गम्भीर अवस्था में यह खून की कमी का कारण बनता है। यदि जल्द एवं पर्याप्त उपचार नहीं किया गया तो मलेरिया से रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
गर्भावस्था में मलेरिया गंभीर होता है, और जच्चा-बच्चा की जान को खतरा भी हो सकता है। ,बचाव के उपाय बताये गया जैसे प्रकिया, स्वच्छता का ध्यान रखना, घर के कूलर, पुराने पड़े टायर आदि में पानी जमा न होने दे सोते बक्त मच्छरदानी का उपयोग करना, पानी के गड्ढे में करोसिन, या टिनोफोर्स डालना, नीम का धुआं करना, फूल बाहों के कपड़े पहनना है। बुखार आने पर निकटतम स्वास्थ केन्द्र पर जाकर स्वास्थ परीक्षण करवाने की सलाह दी गई।दूसरी खुराक का वितरण 21 जुलाई को किया जायेगा ।इस अवसर पर अन्य अधिकारी कर्मचारी व ग्रामीण जन मौजूद थे।