नई दिल्ली
भारत एवं फ्रांस ने अपनी रणनीतिक साझीदारी को आगामी 25 वर्षों तक बढ़ाने का एक रोडमैप आज तय किया और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करने की घोषणा की। इस दौरान भारत और फ्रांस के बीच बड़ी डिफेंस डील पर मुहर लगी। शनिवार (15 जुलाई) को भारत सरकार ने अहम घोषणा करते हुए बताया कि भारतीय नेवी को फ्रांस की दसॉ एविएशन से 26 नए एडवांस राफेल फाइटर जेट हासिल होंगे, जो खास तौर पर नेवी की जरूरतों के हिसाब से डिजाइन होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि फ्रांस में भारत के ‘यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस' को उपलब्ध कराने के लिए एक समझौता हुआ है। फ्रांस ऐसा करने वाला पहला यूरोपीय देश है। मोदी ने भारत में हेलीकॉप्टर इंजन विकसित करने, कल पुर्जों के उत्पादन और एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) सुविधाओं की स्थापना के लिए फ्रांसीसी कंपनियों की योजनाओं का भी उल्लेख किया। रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को फ्रांस से राफेल जेट के 26 नौसैनिक स्वरूप खरीदने और 3 फ्रांसीसी-डिज़ाइन वाली स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों की खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री ने कहा, "रक्षा सहयोग हमारे घनिष्ठ संबंधों का एक मजबूत स्तंभ रहा है।
भारतीय नौसेना के 26 राफेल पहले से ही सेवा में मौजूद 36 राफेल में शामिल हो जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार (13 जुलाई) को फ्रांस से राफेल जेट के 26 नौसैनिक स्वरूप खरीदने और तीन फ्रांसीसी-डिज़ाइन वाली स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों की खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी दी थी।
इस रक्षा सौदे में भारत को 22 सिंगल सीटर राफेल-एम मरीन लड़ाकू विमान मिलेंगे। ये लड़ाकू विमान स्वदेश में निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनात होंगे। वहीं, 4 ट्रेनर राफेल मरीन एयरक्राफ्ट मिलेंगे। राफेल-एम फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमानों का नौसैनिक संस्करण है। बता दें कि इंडो पैसिफिक में चीन की गतिविधियों को देखते हुए नौसेना जल्द से जल्द इस खरीद प्रस्ताव को पूरी होने की उम्मीद कर रही थी।