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केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी DA में 4 प्रतिशत की वृद्धि जल्द, खाते में बढ़ेगी राशि

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नईदिल्ली .

 कर्मचारियों को जल्द बड़ा तोहफा मिल सकता है। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सरकार महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा कर सकती है। 31 जुलाई को महंगाई भत्ता वृद्धि पर बड़ा फैसला हो सकता है। दरअसल दूसरी छमाही 1 जुलाई 2023 से मिलने वाले महंगाई भत्ते के लिए 31 जुलाई को एआईसीपीआई इंडेक्स जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही महंगाई भत्ते की गणना में इसका महत्वपूर्ण योगदान माना जा रहा है।

त्योहारी सीजन में महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा

सीपीआई इंडेक्स जारी होने के साथ ही यह तय हो जायेगा कि कर्मचारियों को कितने प्रतिशत DA का लाभ दिया जाएगा। फाइनल नंबर जारी होने के साथ ही महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा त्योहारी सीजन में की जा सकती है। इसके साथ ही सरकार कर्मचारियों को एरियर का भुगतान करेगी। हालांकि इस छमाही के लिए महंगाई भत्ते में 4 फीसद की बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के तहत महंगाई भत्ते में इजाफा देखा जा रहा है।

वहीं अप्रैल और मई के आंकड़े जारी किए जा चुके हैं। इसके साथ ही एआईसीपीआई इंडेक्स बढ़कर 45.50 हो गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि 46% महंगाई भत्ते के लिए कर्मचारियों के लिए कुल 4 फीसद की दर से बढ़ाया जाएगा। इंडेक्स 134.7 अंक पर है। इसमें 0.50 अंक की तेजी आई है। वहीं जून के आंकड़े आने शेष है। जून के आंकड़े जुलाई में जारी किए जाएंगे। ऐसे में इंडेक्स में मामूली बढ़त के जुलाई 2023 के लिए कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 46% कर सकती है। इससे पहले मार्च 2023 में पहली छमाही के लिए कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि की गई थी जबकि दूसरी छमाही के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा मोदी सरकार सितंबर अक्टूबर महीने में कर सकती है।

फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि जल्द

 

दूसरी तरफ सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को जल्दी बड़ा लाभ दे सकती है। जिसे साथ ही उनके वेतन में बड़ी वृद्धि देखी जा सकती है। माना जा रहा है कि जल्दी 8वीं वेतन आयोग का गठन किया जा सकता है। सरकार चुनाव से पहले नए वेतन आयोग के गठन पर कुछ महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है। साथ ही कर्मचारियों की फिटमेंट फैक्टर को भी बढ़ाया जा सकता है। इससे पहले साल 2016 में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा किया गया था। उसी समय सातवें वेतन आयोग को भी लागू किया गया था। सातवें वेतन आयोग के लागू होने के साथ ही कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी ₹6000 से बढ़कर ₹18000 हो गई थी।

वही एक बार फिर से फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की मांग शुरू हो गई है। इस बार फिटमेंट फैक्टर को 3.68 गुना से बढ़ाने की मांग की जा रही है। 2017 के बाद से हो रही इस मांग पर सरकार 2024 में कोई महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है। 2024 में इसकी घोषणा के साथ ही 2026 से इसे लागू किया जा सकता है। फिलहाल इस पर कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

यदि सरकार 3.68 गुना की दर से कर्मचारियों के बेसिक सैलरी को बढ़ाती है तो नए वेतन आयोग के गठन के साथ ही कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन बढ़कर ₹26000 तक हो सकते हैं। हालांकि सरकार की कोशिश है कि 3 गुना की दर से ही फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया जाए। यदि ऐसा होता है तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी ₹21000 तक पहुंच सकेगी। फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करते समय और अन्य भत्ते को शामिल कर फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके ही उनके वेतन तय किए जाते हैं। ऐसे में वेतन निर्धारण के लिए फिटमेंट फैक्टर को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है।

18 महीने के डीए एरियर पर बड़ी अपडेट

केंद्र सरकार के कर्मचारी अपने 18 महीने की मांग को लेकर लगातार सरकार को पत्र लिख रहे हैं। दरअसल कोरोना काल के भीषण समय से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों का पेंशन भोगियों के 18 महीने के दिए को रोक लिया गया था। जनवरी 2020 से जून 2021 तक उनके 18 महीने के लिए का भुगतान नहीं किया गया था। हालांकि स्थिति सुधरने के बाद केंद्रीय कर्मचारी लगातार सरकार से अपने महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की तीन किस्तों की मांग कर रहे हैं।

हालांकि केंद्र सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया है कि दिए की बकाया राशि के लिए कई कर्मचारी संगठनों की ओर से आवेदन मिले हैं लेकिन सरकार द्वारा इस पर कोई ठोस भरोसा नहीं दिया गया और साफ तौर पर कहा गया है कि मौजूदा परिस्थिति में कर्मचारियों के लिए उनकी तीन किस्तों का भुगतान व्यवहारिक नहीं है। केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 34000 करोड़ से अधिक के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत राशि का भुगतान नहीं कर सकती क्योंकि फिलहाल वह इसमें सक्षम नहीं है।

बजट सत्र में सरकार द्वारा एरियर्स के भुगतान करने से फिलहाल मना कर दिया गया है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि अभी भी केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा एफआरबीएम अधिनियम में दर्शाए स्तर से दोगुनी पर चल रहा है। ऐसे में महंगाई पर महंगाई राहत के एरियर का भुगतान संभव नहीं है। बजट सत्र के बाद एक बार फिर से कर्मचारियों द्वारा 18 महीने के महंगाई भत्ते पर महत्वपूर्ण तैयारी शुरू कर दी गई है। इसका लाभ देश के 47 लाख कर्मचारी सहित 62 लाख को मिलना है। कर्मचारियों को सरकार की तरफ से 34402.32 करोड रुपए का भुगतान करने की मांग की जा रही है।

मामले में नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन के वरिष्ठ सदस्य और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ के महासचिव श्री श्री कुमार का कहना है कि पुरानी पेंशन की बहाली के साथ ही 18 महीने के बकाया एरियर के भुगतान की लड़ाई भी लड़ी जाएगी। कैबिनेट सचिव के स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद द्वारा 18 महीने के लिए एरियर के भुगतान के लिए लिखा गया है। वहीं वित्त मंत्रालय को भी प्रतिवेदन दिया गया है।

कर्मचारी संगठन का कहना है कि देश में एनपीएस की समाप्ति और पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग के लिए आंदोलन किया जा रहा है। उसी में एरियर राशि के भुगतान का मुद्दा भी जोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय परिषद के सीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक बजट सत्र से पहले कैबिनेट सचिव के साथ बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया था। इसके बाद से ही कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उन्हें बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा लेकिन बजट सत्र में इस मांग को सरकार द्वारा सिरे से खारिज कर दिया गया है। वही शिव गोपाल वर्मा का कहना है कि एरिया जारी करने के लिए सरकार किसी दूसरे तरीके पूछना की चर्चा करना चाहती है तो भी कर्मचारी संघ उसके लिए तैयार हैं लेकिन फिलहाल इस पर कोई अपडेट सामने नहीं आई है

इससे पहले फरवरी 2021 सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आर्थिक संकट के कारण कर्मचारियों के वेतन व पेंशन को अस्थाई रूप से रोका जा सकता है लेकिन स्थिति में सुधार होने पर इसे कर्मचारियों को वापस भुगतान करना होगा। पेंशन और वेतन कर्मचारियों का वैद्य अधिकार है। इसका भुगतान कानून के मुताबिक होना चाहिए। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को आधार बनाकर जेसीएम सेक्रेटरी द्वारा कैबिनेट सचिव को लगातार पत्र लिखा जा रहा है। वहीं कर्मचारियों के एरियर भुगतान पर सरकार क्या निर्णय लेती है तो आगे आने वाला समय ही बताएगा लेकिन फिलहाल 18 महीने के एरियर के लिए कर्मचारियों को इंतजार करना पड़ सकता है।