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भाजपा को है पसमंदा मुसलमानों से उम्मीद, पहुंच के लिए निकालेगी यात्रा

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 नई दिल्ली

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों, खास तौर पर पसमांदा मुस्लिमों तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाने और उन्हें भाजपा के पक्ष में करने के लिए देशव्यापी यात्रा शुरू करने जा रही है। यह यात्रा पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा निकालेगा, जिसे सम्मान के साथ उत्थान के लिए पसमांदा स्नेह सम्मान यात्रा नाम दिया गया है। मोर्चा इस यात्रा की शुरुआत पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि 27 जुलाई से करेगी। इस यात्रा के साथ भाजपा देश के उन 65 लोकसभा क्षेत्रों में भी पहुंचेगी, जहां 30 फीसदी से ज्यादा अल्पसंख्यक आबादी है।

अल्पसंख्यक मोर्चा की गुरुवार को दिल्ली में हुई बैठक के बाद मोर्चा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी यासिर जिलानी ने कहा कि मोर्चा ने इस यात्रा का प्रस्ताव केंद्रीय नेतृत्व को भेजा और इसकी तैयारी शुरू कर दी है। दिल्ली से शुरू होने वाली इस यात्रा का नेतृत्व मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी करेंगे। यात्रा लगभग तीन महीने चलेगी। इसका समापन में भोपाल में किए जाने पर विचार चल रहा है।

दरअसल, भाजपा का जोर पसमांदा मुसलमानों को अपने साथ जोड़ने पर ज्यादा है। बीते एक साल से इस दिशा में काफी काम किया गया है। सबसे पहले हैदराबाद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इसे भावी एजेंडे में शामिल किया गया था। हाल में प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल में एक कार्यक्रम में पसमांदा मुसलमानों को लेकर अपनी चिंता जताई थी और कहा था कि मुस्लिम समाज ही अपने इस सबसे बड़े वर्ग की अनदेखी कर रहा है और उसे सिर्फ वोट बैंक समझा गया है।

मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा है कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम देश के नायक हैं। सिद्दीकी का कहना है कि हमारे आदर्श टीपू सुल्तान नहीं, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हैं। इसीलिए उनकी पुण्यतिथि से यात्रा शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न दलों के नेता खुद को मुसलमानों का नेता बताने की कोशिश कर रहे हैं। वह केवल वोट बैंक के लिए ही मुसलमानों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

इस यात्रा के जरिए भाजपा देश में 30 फीसदी से ज्यादा अल्पसंख्यकों की आबादी वाली 65 लोकसभा सीटों तक पहुंचेगी। इनमें 90 फीसदी मुस्लिम आबादी वाली श्रीनगर, अनंतनाग, बारामुला की सीटें भी शामिल हैं। इन 65 सीटों में असम की सात, बिहार की चार, दिल्ली की दो, गोवा की दो, हरियाणा की दो, जम्मू-कश्मीर की पांच, केरल की आठ, लद्दाख की एक, महाराष्ट्र की दो, मध्य प्रदेश की तीन, तेलंगाना की दो, तमिलनाडु की एक, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल की 13-13 सीटें शामिल हैं। मोर्चा का कहना है कि वह मुसलमानों के साथ सभी अल्पसंख्यकों बौद्ध, सिख, जैन, पारसी, ईसाई के साथ संपर्क व संवाद करेगा।