नई दिल्ली
भारत में संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि भारत और अमेरिका के पास मिलकर काम करने का एक लंबा इतिहास है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का संयुक्त दृष्टिकोण क्वांटम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चमत्कार करेगा। गार्सेटी ने बुधवार को भारत-अमेरिका विज्ञान और प्रौद्योगिकी फोरम (आईयूएसएसटीएफ) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम टेक्नोलाजी ग्रांट लांच में ये टिप्पणी की।
साइबर सुरक्षा के लिए मिलकर कर रहे काम
गार्सेटी ने आगे जोर देकर कहा कि दोनों देशों ने लगभग 60 संयुक्त उद्यमों का समर्थन किया है। हम जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा और बहुत कुछ के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका एक साथ मजबूत हैं, और जब हम हाथ मिलाते हैं तो हम लगभग तेजी से अधिक हासिल कर सकते हैं। प्रौद्योगिकी हमें जोड़ सकती है और हमारी रक्षा कर सकती है, बीमारी का पता लगाने में हमारी मदद कर सकती है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके टीबी जैसे रोग से निपटने में भारत सरकार की सहायता कर सकती है।
गार्सेटी ने कहा कि हमारे देशों में लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके जीवन की सामाजिक गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकी के साथ मिलकर काम करने का एक लंबा इतिहास है और यह विश्वास, गहरी दोस्ती पर आधारित है। भारत और अमेरिका के 80-90 प्रतिशत लोगों के बीच अच्छा संबंध है।