भोपाल
राजधानी के रातीबड़ इलाके में एक निजी इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारी ने अपनी पत्नी के साथ फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। इससे पहले उसने अपने दो मासूम बच्चों को कोल्ड्रिंक में जहरीला पदार्थ मिलाकर दे दिया। इससे बच्चों की भी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के पहले युवक ने अपने परिजनों को व्हाट्सअप पर एक सुसाइड नोट भेजा।
थाना प्रभारी हेमंत श्रीवास्तव ने बताया कि शिव विहार कॉलोनी नीलबड़ निवासी भूपेन्द्र विश्वकर्मा ने अपनी पत्नी रितू विश्वकर्मा, बेटे ऋतुराज (8) व ऋषिराज(3) के साथ सुसाइड की है। आज तड़के करीब साढ़े पांच बजे डायल 100 को घटना की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने भूपेन्द्र, रितू के शव एक साथ पंखे से बंधे दुपट्टे के फंदे पर लटके हुए मिले।
जबकि उनके बेटे ऋतुराज व ऋषिराज के शव भी बरामद किए हैं। भूपेंद्र के घर से छह पैकेट सल्फास के मिले हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि मृतक ने खुदकुशी से पहले अपनी भतीजी रिंकी को व्हाट्सअप पर एक सुसाइड नोट भेजा।
जिसमें उसने बैंक का कर्ज और आॅनलाइन काम करने के दौरान हुए घाटे से तंग आकर खुदकुशी करने की बात का जिक्र किया है,इसके साथ ही उसने अपने परिवार के साथ सेल्फी खींची और पोस्ट की, जिसमें लिखा था कि यह हमारी आखरी सेल्फी है। मृतक को आॅनलाइन जॉब के बहाने लोन पर लोन देकर कर्ज में लाद दिया। इसके बाद उस पर लोन चुकान के लिए दबाव बनाया जा रहा था। साथ ही उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था। लोन चुकान के लिए दिन ब दिन बढ़ते दबाव और ब्लैकमेलिंग से तंग आकर एक हंसता-खेलता परिवार मौत के आगोस में सो गया। अब पुलिस सुसाइड नोट के आधार पर मामले की जांच कर रही है।
आज के बाद हम नहीं दिखेंगे
भूपेंद्र विश्वकर्मा ने गुरुवार तड़के 4 बजे अपनी भतीजी रिंकी विश्वकर्मा को वॉट्सअप पर सुसाइड नोट भेजा था। साथ ही पत्नी और दोनों बच्चों के साथ सेल्फी खींचकर भी भेजी। इस फोटो का कैप्शन लिखा- यह मेरी आखिरी फोटो है। आज के बाद हम कभी नहीं दिखेंगे। इन फोटो और सुसाइड नोट को रिंकी ने सुबह 6 बजे देखा और परिजनों को सूचना दी।
कंपनी वाले बनाने लगे दबाव
मुझ पर सिर्फ बात-बात पर पैसे का दबाव बनने लगा, जो कि मैंने अपने लिए नहीं लिए। न ही उन पैसों का उपयोग कर पाया। कंपनी के द्वारा लोन आॅफर पर लोन लेकर कंपनी में ही लगा दिया। जून में लोन का कर्ज इतना ज्यादा होता चला गया कि लोन रिकवरी वालों ने धमकाना शुरू कर दिया। जून में कैसे भी करके ईएमआई पे कर दी। जुलाई में लोन वालों ने मेरा फोन हैक कर उसकी डिटेल निकाल कर मेरे समस्त रिलेटिव्स, फ्रेंड्स, कलीग को ब्लैकमेल करने लगे।
धमकाने लगे कि तुम्हारी फोटो गलत-गलत बनाकर अश्लील फोटो सोशल मीडिया में वायरल कर दूंगा, नहीं तो लोन पे करो। सभी सदस्यों को, परिवार को बदनाम कर दूंगा।
वाट्सअप पर भतीजी को भेजा सुसाइड नोट
भूपेन्द्र ने लिखा है कि समझ में नहीं आ रहा क्या करें और क्या न करें, पता नहीं हमारी इतनी सी छोटी सी प्यारी सी फैमली को किसकी नजर लग गई है। हमारे परिवार के लोगों से हम सब हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहते हैं। अप्रैल के माह में मुझे मेरे फोन पर एक आॅनलाइन काम से वॉट्सअप पर मैसेज आया। फिर टेलीग्राम पर पुन: आॅफर आया। थोड़े से पैसे एक्स्ट्रा के चलते में और जरूरत के लिए एक्स्ट्रा वर्क करने के लिए एग्री हो गया।
मुझे शुरू में थोड़ा फायदा तो हुआ पर धीरे-धीरे एक दलदल में धंसने लगा। मैं अपने काम के साथ इस काम में लगे पैसों का हिसाब नहीं बना पाया। आॅर्डर को कम्प्लीट कर अपने रुके पैसे व कमीशन निकालू पर ये गलत दलदल था, जहां से निकल पाना मुश्किल था। जब मेरे पास पूरे पैसे खत्म हो गए तो कंपनी वालों ने लोन और एग्रीमेंट का कहने लगे।
मैंने मना किया क्योंकि मेरा सिविल पहले से खराब था। लोन कहां से मिलता पर कंपनी वालों के कहने पर ट्राय किया तो तुरंत लोन मिलता चला गया जो कि कंपनी में पानी की तरह लगाता रहा। इस काम को शुरू करने के पहले मैंने वेबसाइट पर चेक की थी जो कि ईकॉमर्स बेस्ड कंपनी है। एस पर टीआरपी के लिए काम करवाती है। ६६६.ू२८ङ्मल्ल’’ीे.ूङ्मे जो कि 2022 आफ्टर कोविड स्टार्ट कर दिया था, जो कि कोलंबिया की थी इसके चलते मैंने शुरू कर परंतु पता नहीं था कि इस मोड़ पर आकर खड़े हो जाएंगे कि हमारे पास कोई रास्ता नजर नहीं आएगा। मेरी समझ में नहीं आया। मैंने क्या कर डाला। 4 साल पहले जिस कंपनी में था, वो बंद हो गई।