रांची
प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के छह लाख के इनामी खुदी मुंडा ने सरेंडर कर दिया है। उसपर झारखंड पुलिस ने पांच लाख और एनआइए ने एक लाख का ईनाम रखा था।
बुधवार को उसने खुद गुमला के कुरुमगढ़ थाने में जाकर सरेंडर कर दिया। नक्सली संगठन में उसका ओहदा सब जोनल कमांडर का था।
हालांकि पुलिस ने अभी आधिकारिक तौर पर उसके सरेंडर की घोषणा नहीं की है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
उसपर गुमला, सिमडेगा और लातेहार के कई थानों में दर्जनों केस दर्ज हैं। चैनपुर ब्लॉक भवन उड़ाने तथा चैनपुर पुलिस पर हमला कर चार पुलिसकर्मियों को मारने के मामले में खुदी शामिल रहा है।
दरअसल, पुलिस के अभियान में दो नक्सलियों के मारे जाने के बाद से खुदी मुंडा डरा हुआ था। इसी साल एक जून को आंजन और मरवा रास्ते पर मुठभेड़ में पुलिस ने तीन लाख के ईनामी तुंजो गांव निवासी राजेश उरांव को मार गिराया था।
वहीं, दो जून को चैनपुर के टोंगो जंगल में छह लाख के ईनामी कमांडर लजीम अंसारी को मार गिराया था। इन घटनाओं के बाद से खुदी मुंडा का मनोबल गिर गया था। बढ़ती उम्र के कारण भी वह लाचार हो चला था। इधर पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रखा है। इस वजह से कई नक्सलियों ने सरेंडर किया है।