पटना
सरकारी बंगला खाली न करने पर बीजेपी के पूर्व मंत्रियों पर विधानसभा सचिवालय द्वारा भारी भरकम जुर्माना लगाया गया। अब इन नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से छूट की गुहार लगाई है। पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी, पूर्व मंत्री आलोक रंजन, रामसूरत राय समेत अन्य नेताओं ने सीएम नीतीश के साथ ही भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने सरकारी बंगला न खाली करने पर लगे भारी जुर्माने को अनुचित बताया और इसमें छूट देने का अनुरोध किया है।
भवन निर्माण विभाग ने राज्य की पिछली एनडीए सरकार में मंत्री पद संभाल चुके कई भाजपा विधायकों पर सरकारी बंगलों में अधिक समय तक रहने के लिए जुर्माना लगाया है। जिन भाजपा विधायकों पर भारी जुर्माना लगाया गया है, उनमें पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी (जुर्माना राशि 1.26 लाख), पूर्व मंत्रियों में आलोक रंजन (1.67 लाख), रामसूरत कुमार (90928 रु), जीवेश कुमार (1.29 लाख) और जनकराम (65922 रु) शामिल हैं।
राज्य में महागठबंधन सरकार के गठन के बाद भाजपा के मंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने के लिए कहा गया था। पिछले महीने बिहार विधानसभा सचिवालय द्वारा पूर्व मंत्री आलोक रंजन सहित अन्य को पत्र लिखकर जुर्माने की रकम जमा करने को कहा गया। आलोक रंजन के अनुसार उन पर जो 1.67 लाख का जुर्माना लगाया गया है, वह बिल्कुल अनुचित है। उन्होंने कहा कि उन्हें भवन निर्माण विभाग ने नवंबर 2022 में बंगला (33, हार्डिंग रोड) खाली करने के लिए कहा था। लेकिन कोई वैकल्पिक घर उपलब्ध नहीं कराया गया। इस बारे में उन्होंने विभाग को सूचित भी किया था। जैसे ही उन्हें नया घर मिला, उन्होंने बंगला खाली कर दिया था। उन्होंने कहा कि बिना गलती के कुछ दिनों तक मंत्री के बंगले में रहने के लिए जुर्माना अनुचित है। इसलिए मुख्यमंत्री और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी से जुर्माना माफ करने का अनुरोध किया है।
इधर, भाजपा नेता रामसूरत राय के अनुसार उनपर जो जुर्माना (90928 रुपये) लगाया गया है वह पूरी तरह से अनुचित है। जो वैकल्पिक घर उन्हें उपलब्ध कराया गया था, वह स्थानांतरण के लिए तैयार नहीं था। इसलिए उन्हें मंत्री बंगले (39, हार्डिंग रोड) में ही कुछ दिनों के लिए रहना पड़ा जो उन्हें पूर्व में आवंटित गया था। उन्होंने कहा कि उनपर या या अन्य पूर्व मंत्रियों (भाजपा के) पर लगाया गया जुर्माना माफ किया जाना चाहिए।
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि उन्हें आलोक रंजन समेत भाजपा नेताओं एवं पूर्व मंत्रियों से पत्र मिला है। हम मामले को देख रहे हैं और इसे सुलझाने का विकल्प तलाश रहे हैं। पहले वे इस मामले में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करेंगे, इस मुद्दे पर अन्य विभागों के साथ भी चर्चा होगी।