नई दिल्ली
जून माह में प्रमुख खाद्य उत्पादों के दाम बढ़ने से खाद्य महंगाई भी तीन माह के उच्च स्तर पर पहुंच गई। जून में खाद्य महंगाई 4.49 फीसद दर्ज की गई। जबकि, मई में यह 2.96 फीसद थी। सबसे ज्यादा दालों और अनाज की कीमतों में तेजी आई है।
मौसम की मार से कीमतों में उछाल की आशंका
विशेषज्ञ चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में खाद्य मुद्रास्फीति में और उछाल की आशंका जता रहे हैं। मानसून के कमजोर रहने की स्थिति में खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि देखने को मिल सकती है। रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान और संपर्क प्रमुख अदिति नायर ने कहा कि भारत में मानसून और बुआई पर अलनीनो के प्रभाव की निगरानी करने की आवश्यकता है।
क्या कहते हैं आंकड़े
बुधवार को जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों के मुताबिक, जून में मसालों के दाम 19.19 फीसद, अनाज के दाम 12.71 फीसद, दालों के दाम 10.53 फीसद और अंडों के दाम सालाना आधार पर सात फीसद बढ़ गए। इसके अलावा फलों की भी कीमतों में आंशिक बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति 4.72 फीसद रही जबकि शहरी इलाकों में यह 4.96 फीसद पर रही। ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य मुद्रास्फीति राष्ट्रीय औसत से अधिक रही।
वस्तुएं पहले अब
दालें -1.02 10.53
अनाज 5.66 12.71
मसाले 11.04 19.19
अंडे -5.48 7.03
दूध और 6.08 8.56
(आंकड़े फीसद में)
जून में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़ने के बावजूद यह आरबीआई के छह फीसद के संतोषजनक स्तर के नीचे है। सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो फीसद घट-बढ़ के साथ चार फीसद तक सीमित रखने का दायित्व सौंपा है।