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लंबे ब्रेक के बाद अचानक बच्चों पर पढ़ाई का दबाव बढ़ा

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बच्चों के स्कूल खुल चुके हैं, परीक्षाएं भी हो रही है और कहीं शुरू होने वाली हैं। योग विशेषज्ञ, निशा जोशी के अनुसार, लंबे ब्रेक के बाद अचानक बच्चों पर पढ़ाई का दबाव बढ़ा है। ऐसे में जरूरी है कि दिमाग को तेज करने के लिए कुछ योगासन करवाए जाएं ताकि न सिर्फ उनका पढ़ाई में मन लगे, बल्कि याद्दाश्त भी अच्छी हो। यहां बताए जा रहे हैं कुछ योगासन, जो 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे आसानी से कर सकते हैं।

ध्यानासन : मानसिक शांति के लिए ध्यानासन किया जा सकता है। इसके लिए दो तरह के आसन किए जा सकते हैं। यह कोई भी कर सकता है।

व्रजासन: व्रजासन से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसके अलावा पीठ को मजबूत बनाने के साथ ही यह आसन निचले हिस्से के दर्द भी दूर करता है।

पदमासन: इससे मानसिक विकास अच्छा होता है। चित्त में स्थिरता आती है। एकाग्रता बढ़ती है।

शांतिकारक आसन: इसके लिए शवासन और सुप्त ताड़ासन करना चाहिए। इससे फोकस और मेमोरी बढ़ाने में मदद करता है। सुप्त ताड़ासन से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह करता है। मन शांत होता है।

वृक्षासन : इसे करने से बच्चों का कद बढ़ता है। बढ़ते बच्चों को इस आसन की सलाह देते हैं। यह खड़े होकर किया जाने वाला आसन है।

पश्चिमोत्तानासन : इसे 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को ही करना चाहिए। यह तनाव को दूर करता है। हड्डियों को लचीला बनाता है।

सूर्य नमस्कार : सूर्य नमस्कार के कई फायदे हैं। यह तनाव, अनिद्रा जैसी समस्याओं को दूर करता है। इसको भी 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को करना चाहिए।

सूक्ष्म आसन: यह ऐसे आसन हैं जिन्हें बच्चे पढ़ाई के दौरान भी कर सकते हैं, जिससे उनमें एकाग्रता आती है और थकावट महसूस नहीं होगी, जैसे तितली आसन। इससे मांसपेशियां मजबूत होने के साथ एकाग्रता बढ़ती है।

कल्चरल आसन : ये दैनिक शारीरिक व्यायाम वाले आसन होते हैं।

ताड़ासन : स्ट्रेचिंग के लिए अच्छा आसन है। पूरे शरीर में रक्त संचार बेहतर करता है। लंबाई बढ़ाने में मदद करता है। 12 वर्ष बड़े बच्चे ही इसे करें।

अर्ध चक्रासन: यह आसन, पीठ को मजबूत बनाता है और पीठ के नीचे के हिस्से में यदि लंबे समय से बैठे रहने से दर्द है तो उसे दूर करता है। इससे ऊर्जावान भी महसूस होता है। यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में सहयोग करता है। बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाता है। 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे विशेषज्ञ की निगरानी में योग करें। उन्हें ऐसे आसन करने चाहिए, जो आसानी से हो जाएं।