बेंगलुरु
2024 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ विपक्ष एकजुट होने की कोशिश में लगा है. इसी क्रम में 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों की दूसरे राउंड की बैठक होनी है. इस बैठक में बीजेपी के खिलाफ 24 दलों के एकजुट होने की संभावना है. कहा तो ये भी जा रहा है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इस बैठक में शामिल होंगी.
नीतीश कुमार पिछले साल बीजेपी से नाता तोड़कर महागठबंधन में शामिल हो गए थे. इसके बाद से ही विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में लगे हैं. उन्होंने पिछले कुछ महीनों में अलग अलग राज्यों में जाकर विपक्षी नेताओं से मुलाकात भी की थी. इसके बाद उन्होंने 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक बुलाई थी. इस महाबैठक में 15 दलों के 27 नेता शामिल हुए थे.
इस बार शामिल होंगी 24 पार्टियां
बताया जा रहा है कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का कुनबा इस बार और बड़ा होने वाला है. बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को होने वाली बैठक में MDMK, KDMK, VCK, RSP, मुस्लिम लीग, केरला कांग्रेस (जोसफ), केरला कांग्रेस (मणि) भी शामिल होंगी. ऐसे में इस बैठक में कुल 24 पार्टियों के शामिल होने की संभावना है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने भेजा न्योता
– कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बेंगलुरु में होने वाली बैठक के लिए सभी विपक्षी दलों के नेताओं को न्योता भेजा है. मीटिंग 17 जुलाई को शाम 6 बजे सभी के लिए डिनर रखा गया है. वहीं 18 जुलाई को 11 बजे से बैठक शुरू होगी. कर्नाटक के डिप्टी सीएम शिवकुमार ने हाल ही में बताया था कि खड़गे ने विपक्षी नेताओं के साथ साथ सोनिया गांधी से भी बैठक में शामिल होने की अपील की है. शिवकुमार ने बताया कि उन्हें संदेश मिला है कि सोनिया गांधी भी बैठक में शामिल होंगी.
पटना की बैठक में में शामिल हुए थे ये नेता
पटना में हुई महाबैठक में 15 दलों के 27 नेता शामिल हुए थे. इन नेताओं के नाम नीतीश कुमार (जेडीयू), ममता बनर्जी (एआईटीसी), एमके स्टालिन (डीएमके), मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस), राहुल गांधी (कांग्रेस), अरविंद केजरीवाल (आप), हेमंत सोरेन (झामुमो), उद्धव ठाकरे (एसएस-यूबीटी), शरद पवार (एनसीपी), लालू प्रसाद यादव (राजद), भगवंत मान (आप), अखिलेश यादव (सपा), केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), सुप्रिया सुले (एनसीपी), मनोज झा (राजद), फिरहाद हकीम (एआईटीसी), प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी), राघव चड्ढा (आप), संजय सिंह (आप), संजय राऊत (एसएस-यूबीटी), ललन सिंह (जेडीयू),संजय झा (जेडीयू), सीताराम येचुरी (सीपीआईएम), उमर अब्दुल्ला (नेकां), टीआर बालू (डीएमके), महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआईएमएल)तेजस्वी यादव (राजद), अभिषेक बनर्जी (एआईटीसी), डेरेक ओ'ब्रायन (एआईटीसी), आदित्य ठाकरे (एसएस-यूबीटी) और डी राजा (सीपीआई) हैं.
पहली और दूसरी बैठक के बीच कितने बदल गए राजनीतिक समीकरण?
पटना में हुई महाबैठक के करीब 25 दिन बाद दूसरी बैठक होने जा रही है. लेकिन इस दरमियान शरद पवार की पार्टी NCP की कहानी पूरी तरह बदल गई. शरद पवार के भतीजे अजित पवार बगावत कर महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. उनका दावा है कि उनके साथ एनसीपी के 40 विधायक हैं. इतना ही नहीं अजित पवार ने एनसीपी पर भी दावा ठोक दिया है. एनसीपी की ये लड़ाई चुनाव आयोग में पहुंच गई है.
आप पर सस्पेंस बरकरार
इसके अलावा इस बैठक को लेकर आम आदमी पार्टी का रुख भी देखने लायक होगा. दरअसल, दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पटना की बैठक में शामिल तो हुए थे, लेकिन इस बार शामिल होंगे या नहीं, इस पर सस्पेंस बना हुआ है.
दरअसल, केजरीवाल दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर चर्चा न होने से नाराज होकर संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए बिना ही पटना से लौट आए थे. इस बार कांग्रेस ने AAP को न्योता तो भेजा है, लेकिन आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि पटना में हुई विपक्ष दलों की बैठक में कांग्रेस ने कहा था कि मानसून सत्र शुरू होने से 15 दिन पहले हम सार्वजानिक तौर पर दिल्ली के असंवैधानिक अध्यादेश पर अपना रुख साफ कर देंगे, लेकिन अभी तक कांग्रेस ने रुख साफ नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अध्यादेश पर कांग्रेस अपना स्टैंड साफ नहीं करती है तो हमारी पार्टी विपक्ष की बैठक में शामिल होने पर विचार करेगी.