नई दिल्ली
इंटरनेशन सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (ISKON) ने अपने ही संत अमोघ दास लीला प्रभु पर स्वामी विवेकानंद को लेकर विवादित टिप्पणी करने के बाद एक महीने का बैन लगा दिया है। इस दौरान व ह गोवर्धन की पहाड़ियों में रहकर 'प्रायश्चित' करेंगे। वह एक महीने तक सार्वजनिक जीवन से दूर रहेंगे। उन्होंने कहा था कि स्वामी विवेकानंद मछली का सेवन करते थे और कोई भी सदाचारी व्यक्ति कभी किसी जानवर को नुकसान पहुंचाने वाली चीज का सेवन नहीं कर सकता था।
उन्होंने कहा था, कोई भी दिव्य पुरुष किसी जानवर को मार के खाएगा? क्या वह मछली खाएगा? मछली को भी दर्द होता है। अगर विवेकानंद ने मछली खाई तो सवाल यह है कि अगर एक सिद्ध पुरुष मछली खा सकता है। सिद्ध पुरुष के ह्रदय में करुणा होती है। क्या सिद्ध पुरुष कह सकता है कि बैगन तुलसी से अच्छा है क्योंकि यह भूख मिटा देता है। या फिर कोई कह सकता है कि फुटबॉल खेलना गीता पढ़ने से ज्यादा श्रेष्ठ है? अगर विवेकानंद जी खड़े होते तो मैं उनका सम्मान करता लेकिन कुछ चीजें स्वीकार नहीं हैं। हम भी उनकी प्रशंसा करते हैं लेकिन आंख मूंदकर हर बात नहीं मान सकते।
बता दें कि अमोघ लीला दास सोशल मीडिया पर काफी फेमस हैं। उनके काफी फॉलोअर्स हैं और उनके वीडियो अकसर वायरल होते हैं। अमोघ लीला दास का असली नाम आशीष अरोड़ा है और वह पहले इंजीनियर थे। अब वह इस्कोन के संत और मोटिवेशनल स्पीकर हैं। वह विदेश में भी नौकरी कर चुके हैं और नौकरी छोड़कर संत बने थे। उनका जन्म लखनऊ में हुआ था। 10 साल नौकरी करने के बाद वह द्वारका जाकर संत बन गए थे। इसके बाद वह इस्कोन में रहने लगे।