जयपुर
राजस्थान कांग्रेस में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह होने के बाद नई टीम का ऐलान कर दिया है। नई टीम में गहलोत समर्थकों को दबदबा है। जबकि पायलट समर्थकों को कम जगह मिली है। बता दें 2020 में सचिन पायलट की बगावत के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी भंग कर दी गई। तीन साल से लंबे अंतराल के बाद चुनाव से ठीक तीन महीने पहले कांग्रेस आलाकमान ने नई टीम का ऐलान किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का तर्क है कि सियासी खींचतान की वजह पायलट समर्थकों को जगह नहीं मिली है। हालांकि, कुछ पायलट समर्थक बनाने में सफल रहे है।
पायलट समर्थक सोलंकी को दिखाया बाहर का रास्ता
नई टीम में सचिन पायलट समर्थक माने जाने वाले विधायक वेदप्रकाश सोलंकी को जगह नहीं मिली है। जबकि डोटासरा की पुरानी टीम में सोलंकी महासचिव थे। सोलंकी की साथ ही पायलट समर्थक महेंद्र खेड़ी को भी सचिव पद से हटा दिया गया है। वहीं पायलट समर्थक ललित यादव और निंबाराम गरासिया को भी ड्राप कर दिया गया है। पूर्व सचिव राजेंद्र यादव और रवि पटेल को भी हटा दिया गया है। जबकि एक व्यक्ति एक पद के चलते मंत्री महेंद्र सिंह मालवीया, रामलाल जाट और गोविंद मेघवाल को उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। इसी प्रकार विधायक लाखन सिंह मीना और पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया को जगह नहीं मिली है। हालांकि, नई टीम में पायलट समर्थक इंद्राज गुर्जर को प्रमोट कर महासचिव बनाया गया है।
गहलोत-डोटासरा के समर्थकों का दबदबा
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई टीम में सीएम अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के समर्थकों का दबदबा है। सुलह के बाद ऐसा माना जा रहा था कि पायलट समर्थकों को पर्याप्त जगह मिलेगी। बता दें, सचिन पायलट ने अजमेर से जयपुर के लिए जन संघर्ष यात्रा निकाली थी। उस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी मौजूद रहे थे। हालांकि, उनमें से ज्यादातर पदाधिकारियों को नई टीम में जगह नहीं मिली है। कांग्रेस ने नई कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए 48 महासचिव, 21 उपाध्यक्ष, 121 सचिव बनाए हैं। 25 जिलाध्यक्ष नियुक्त किए हैं। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश कार्यकारिणी के पदोंं पर नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं।जून में 85 सचिवों की नियुक्ति रोकने के बाद अब फिर से पुराने नामों को बरकरार रखते हुए 121 सचिवों की लिस्ट जारी की है।
अभी एक और लिस्ट आएगी
नई नियुक्तियों से साफ है कि कांग्रेस में प्रदेश कार्यकारिणी में और भी नियुक्तियां होनी हैं। मौजूदा प्रदेश कार्यकारिणी में केवल 39 पदाधिकारी ही थे। सचिन पायलट खेमे की बगावत के वक्त से ही जिलाध्यक्षों के पद खाली चल रहे थे। बीच में 12 जिलाध्यक्ष पहले बनाए गए थे। जिनमें पायलट समर्थकों को जगह मिली थी। पायलट समर्थकों का कहना है कि नई लिस्टी में पायलट को तवज्जो मिलेगी। बता दें लिस्ट जारी होने से पहले सचिन पायलट ने हाल ही में दिल्ली स्थित पंजाब भवन में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मुलाकात की थी। माना जा रहा था कि संगठनात्मक नियुक्तियों को लेकर ही दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई।