महासमुंद
छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना से जिले के गोपालक एवं किसानों की आर्थिक स्थिति तो मजबूत हो रही है। पारिवारिक जीवन भी पहले से और बेहतर हो रहा। यानि कि उनके जीवन के लिए खुशियाँ लायी है। ग्रामीण क्षेत्र के गोपालक में इसे लेकर काफी उत्साह है। लेकिन नगरीय क्षेत्र के गौठानों में भी गोपालक गोबर बेचकर अपनी आमदनी में इजाफा कर रहे है।
नगर पालिका परिषद महासमुंद वार्ड क्रमांक 23 में रहने वाले वीरेंद्र के परिवार में इस गोधन न्याय योजना से खुशहाली आयी है। राज्य सरकार द्वारा जब से 2 रुपये किलो में गोबर की खरीदी प्रारंभ हुई है, तब से गोबर का मूल्य मिलने लगा है। वीरेन्द्र ने बताया कि उनका परिवार का मुख्य आजीविका का साधन गाय पालन ही है। लेकिन एक समय ऐसा था कि पशु चारा की कीमतों में वृद्धि होने और गोबर का सही मूल्य नहीं मिलने के कारण गौ पालन संकट के दौर से गुजर रहा था। जब से गोधन न्याय योजना शुरू हुई है तब से उन्हें दोहरा लाभ मिलने लगा है। एक ओर गाय का दूध बेचकर आय हो रही, तो दूसरी ओर गोबर बेचकर आमदनी हो रही है। उन्होंने बताया कि अब तक उन्हें दूध एवं गोबर बेचकर एक लाख 96 हजार रुपए की आमदनी हुई है।
वीरेंद्र ने बताया कि गोबर बेचकर प्राप्त आमदनी से अपने परिवार में विवाह के लिए जरूरी सामान की खरीदी की साथ ही एक अच्छी नस्ल की जर्सी गाय खरीदी, जो औसतन 8 से 10 लीटर दूध प्रतिदिन देती है। जिससे उन्हें हर महीने 12 से 15 हजार की आमदनी हो रही है। इस योजना के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि शासन की इस योजना ने गाय के महत्व को बढ़ाया है। मालूम हो कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा 20 जुलाई 2020 को इस योजना की शुरू की गयी। जिसका नाम है छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना है।