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महाराष्ट्र में 4 मंत्रियों की छुट्टी की तैयारी, फिर चौंकाएगी BJP

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मुंबई

महाराष्ट्र में भाजपा एक बार फिर से चौंकाने की तैयारी में है। अचानक ही अजित पवार और उनके समर्थकों को मंत्री पद की शपथ दिलाने के बाद अब भाजपा कुछ मंत्रियों की छुट्टी कर सकती है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि भाजपा अपने ही कोटे के 4 मंत्रियों को कैबिनेट विस्तार में हटा सकती है और उनकी जगह पर नए चेहरों को मौका मिल सकता है। पार्टी जिन मंत्रियों को हटाने पर विचार कर रही है, उनकी परफॉर्मेंस कमजोर होने की रिपोर्ट हाईकमान को मिली है। इन मंत्रियों में एक मुंबई, एक उत्तर महाराष्ट्र और दो पश्चिम महाराष्ट्र के हैं।

खबर है कि एक सप्ताह के भीतर ही इस पर फैसला हो सकता है। इसी दौरान अजित पवार गुट के एनसीपी नेताओं को विभाग भी सौंपे जा सकते हैं। इन नेताओं ने बीते सप्ताह शपथ ली थी, लेकिन अब तक उनके विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। माना जा रहा है कि अजित पवार गुट के मंत्रियों के विभागों को लेकर दिल्ली में भाजपा हाईकमान ही चर्चा कर रहा है। वहीं से इसे लेकर फैसला होगा। दरअसल अजित पवार खुद अपने लिए वित्त मंत्रालय चाहते हैं। इसके अलावा सहकारिता और ऊर्जा मंत्रालय जैसे विभाग भी अपने समर्थकों के लिए चाहते हैं।

अजित पवार की इस मांग पर एकनाथ शिंदे गुट को आपत्ति है। ऐसे में भाजपा हाईकमान दोनों को साधने के लिए मंथन कर रहा है। 17 जुलाई से विधानसभा का मॉनसून सेशन शुरू हो रहा है। ऐसे में उससे पहले ही किसी भी दिन कैबिनेट विस्तार हो सकता है। इसके अलावा कुछ नए चेहरों को भाजपा अपने कोटे से मौका दे सकती है, जो अब तक इंतजार में रहे हैं। माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी ही पार्टी के ज्यादातर नेताओं को मौका देना चाहती है ताकि हर वर्ग को साधा जा सके। इसी के तहत 4 लोगों को हटाकर कुछ नए नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है।

रात दो बजे तक हुई थी शिंदे और फडणवीस की मीटिंग

एकनाथ शिंदे गुट के अजित पवार की एंट्री से असहज होने की भी खबरें हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आयोजन में एकनाथ शिंदे के न पहुंचने से इन अटकलों को बल मिला था। इस पर पूछा गया तो एकनाथ शिंदे गुट ने कहा था कि हम इस्तीफा देने वाली नहीं बल्कि लेने वाले हैं। गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की एक लंबी मीटिंग भी पिछले दिनों हुई थी, जो रात को दो बजे तक चली थी। कहा जा रहा है कि इस मीटिंग में अजित पवार की एंट्री के बाद पैदा हुए हालातों को लेकर चर्चा हुई थी।