भोपाल
सीधी में हुए पेशाब कांड के बाद कांग्रेस ने तय किया था कि वह सोमवार को सभी आदिवासी विधायकों के साथ राजधानी में ताकत दिखाते हुए राज्यपाल को ज्ञापन देगी। इसे लेकर कांग्रेस ने राजभवन से समय और ज्ञापन देने की अनुमति मांगी। वहां से आए जवाब के बाद अब आदिवासी अत्याचार के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन ज्ञापन तक सीमित रहेगा।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह और कांग्रेस के अन्य विधायकों ने यह तय किया था कि सोमवार को सभी आदिवासी विधायकों के साथ राजभवन जाएंगे आौर आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार और एट्रोसिटी एक्ट में दर्ज हो रहे अपराधों की जानकारी राज्यपाल को देंगे। इसके लिए एट्रोसिटी एक्ट के पिछले कुछ सालों में दर्ज हुए प्रकरणों की संख्या भी कांग्रेस ने जुटा ली थी। इसी प्रदर्शन को लेकर प्रदेश कांग्रेस की ओर से राजभवन जाने और राज्यपाल से मिलने के समय मांगा। जिस पर सोमवार सुबह 11 बजे का समय मिला, लेकिन इसमें यह भी साफ कर दिया गया कि सिर्फ पांच लोगों के प्रतिनिधि मंडल को ही अंदर आने की अनुमति दी जाएगी। जबकि कांग्रेस ने यह तय किया था कि वह अपने सभी आदिवासी विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात करेगी। बताया जाता है कि अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के अलावा तीन आदिवासी विधायक ही राज्यपाल को ज्ञापन देने के लिए जाएंगे। कांग्रेस अभी यह तय कर रही है कि बाकी के विधायकों को क्या वह राजभवन के बाहर तक साथ ले जाए या नहीं।