नई दिल्ली
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि आवाज की आजादी का मतलब 'कुछ भी कहने का लाइसेंस'' नहीं है, उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष किया है। जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग देश के लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ एक साजिश बन गई है। गुजरात हाई कोर्ट द्वारा राहुल गांधी की याचिका को खारिज करने के बाद भाजपा और कांग्रेस नेता आपस में भिड़ गए हैं।
क्या कुछ बोले नकवी?
नकवी ने कहा कि कुछ लोग मौलिक अधिकारों का राग अलापते हैं, लेकिन वे आसानी से और जानबूझकर मौलिक कर्तव्यों को भूल जाते हैं। नकवी ने कहा कि विपक्षी पार्टियां अच्छी तरह से जानती हैं कि वे मोदी को नहीं हरा सकतीं, चाहे वे अकेले लड़ें या 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन बनाएं। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा है कि राहुल गांधी और कांग्रेस को वायनाड लोकसभा क्षेत्र के लोगों से माफी मांगनी चाहिए, जिन्होंने उन्हें लोकसभा के लिए चुना था। मुरलीधरन ने कहा कि गैरजिम्मेदाराना बयानों के कारण गांधी को अपनी संसद सीट गंवानी पड़ी और वायनाड के मतदाताओं को लोकसभा में आवाज की जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वायनाड के लोगों ने उन्हें भारी बहुमत दिया था, उन्हें उम्मीद थी कि वह संसद में उनके हितों का प्रतिनिधित्व करेंगे, लेकिन उनकी अपरिपक्व और गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों के कारण वायनाड के लोग संसद में अपने मुद्दे उठाने का मौका खो रहे हैं।