लखनऊ
संभल ब्लॉक के राया खुर्द स्थित प्राथमिक विद्यालय की इंचार्ज अध्यापिका की करामात का खामियाजा यहां के बच्चे भुगत रहे हैं। लापरवाही में उन्होंने स्कूल के जर्जर कमरे के स्थान पर सही सलामत दो कमरों को गिरवा दिया। तीन माह से स्कूल के 80 बच्चों के लिए सिर्फ एक कमरा है। बारिश के दिनों में स्कूल की स्थिति और बुरी हो गई है।
गांव रायाखुर्द स्थित प्राथमिक विद्यालय में तीन माह पहले इंचार्ज अध्यापिका ज्योतसना त्यागी थी। इस विद्यालय के दो जर्जर कमरे गिराए जाने थे, लेकिन इंचार्ज अध्यापिका ने जर्जर कमरों के स्थान पर ठीक कमरे को गिरवा दिया। जब इस मामले की जानकारी अधिकारियों को लगी तो जांच कराई गई। जांच कमेटी ने इंचार्ज अध्यापिका को दोषी मानते हुए उसे निलंबित कर दिया गया। साथ ही इंचार्ज अध्यापिका के वेतन से कमरे का निर्माण कराने के निर्देश दिए गए लेकिन तीन माह बाद भी स्कूल की स्थिति जस की तस है।
बच्चों के लिए मुश्किल इसलिए भी बढ़ गई क्योंकि कमरा गिराते समय बिजली के सभी तार टूट गए थे। इससे विद्यालय में बिजली व्यवस्था फेल हो गई थी। अब तक विद्यालय में बिजली की भी व्यवस्था नहीं हो सकी। इससे सबमर्सिबल भी इस्तेमाल नहीं हो रहा। ऐसे में पानी भी बच्चों के लिए बड़ा संकट बन गया है। इस घटना को तीन माह हो गए और नया सत्र शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक कमरे का निर्माण नहीं हुआ है।
बच्चों के बैठने तक के लिए जगह नहीं
सत्र शुरू होने के बाद छात्र-छात्राएं विद्यालय में पहुंचने लगे हैं। उनके बैठने के लिए अब सिर्फ एक कमरा है। जबकि विद्यालय में 80 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। ऐसे में उनके सामने पढ़ाई करने की चुनौती खड़ी हो गई है। बरसात के कारण पांच कक्षाओं के बच्चे एक ही कमरे में जैसे-तैसे बैठने को मजबूर हैं। मिड डे मील भी इसी कमरे में परोसा जाता है। इतना ही नहीं विद्यालय में बिजली न होने के चलते समरसेबिल नहीं चल पाता है। जिसके चलते छात्र-छात्राओं को पानी तक नहीं मिल पा रहा है। इसके बाद भी अभी तक जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे हुए है। खंड शिक्षा अधिकारी बबीता सिंह ने बताया कि जल्द ही कमरे का निर्माण कराया जाएगा।
बारिश-उमस की दोहरी की मार झेल रहे हैं छात्र-छात्राएं
अगर बरसात न हो तो भयंकर गर्मी इस समय हो रही है। इस गर्मी में लोग बिना पंखे और कूलर के नहीं रह पाते, लेकिन रायाखुर्द स्थित प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राएं इस भयकर गर्मी में भी बिना पंखे के पढ़ाई कर रहे हैं। हालत यह है कि पंखे की व्यवस्था तो दूर की बात है। इस विद्यालय में पानी तक की व्यवस्था तक नहीं है।