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प्रदेश सरकार भी अब जुड़वा बच्चों को मानेगी सिंगल चाइल्ड, नसबंदी कराने पर देगी मिलेंगी दो वेतन वृद्धि

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भोपाल.

 मध्य प्रदेश सरकार अब जुड़वा बच्चों को सिंगल चाइल्ड मानेगी. इतना ही नहीं, पहली डिलीवरी में हुए जुड़वा बच्चों के बाद नसबंदी कराने पर दो इंक्रीमेंट भी देगी. नसबंदी शासकीय सेवक स्वयं की या पत्नी की करा सकता है. केंद्र सरकार समेत देश के लगभग 10 राज्यों में जुड़वा बच्चों को सिंगल चाइल्ड माना जाता है.

जुड़वां बच्चों के बाद शासकीय सेवक या उनकी पत्नी नसबंदी (Nasbandi) कराती है तो उसे दो इंक्रीमेट (Increment) मिलेंगे। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। केंद्र सरकार समेत देश के लगभग 10 राज्यों में यह नियम पहले से लागू हैं।

मप्र सरकार ने बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए 1980 के दशक में ‘हम दो हमारे दो’ का नारा लागू किया। इसका पालन करने वालों को अतिरिक्त सुविधाओं का लाभ दिया गया। 1996-97 में इसे सिंगल चाइल्ड कर दिया गया। तब एक बच्चा होने के बाद नसबंदी कराने वालों को दो इन्क्रीमेंट का फायदा दिया जाने लगा था, लेकिन पहली डिलीवरी में जुड़वां बच्चे हुए तो सिंगल चाइल्ड मानते हुए लाभ नहीं मिलता था। अब इसमें संशोधन किया गया है। अब यदि पहले जुड़वां बच्चे होने के बाद शासकीय सेवक या उनकी पत्नी नसबंदी करवा लेती हैं तो उसे सिंगल चाइल्ड ही माना जायेगा और दो इंक्रीमेंट दिए जाएंगे।

सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में कहा गया है कि अफसरों और कर्मचारियों को जुड़वां संतान पैदा होने के बाद नसबंदी कराने पर दो अग्रिम वेतनवृद्धि की सुविधा दी जा सकेगी। इससे अब 11 जुलाई 2019 के पहले के मामलों में भी कर्मचारियों को वेतनवृद्धि मिल सकेगी। अभी यह 9 फरवरी 2017 से 11 जुलाई 2019 के बीच के मामलों में पहली डिलीवरी पर जुड़वां बच्चे पैदा होने पर नसबंदी कराने वालों को यह लाभ नहीं मिल पा रहा था।

बता दें कि सामान्य प्रशासन विभाग ने चार साल पहले 11 जुलाई 2019 को एक आदेश जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि अब पहली डिलीवरी में जुड़वां बच्चे पैदा होने के बाद शासकीय सेवक के स्वयं या पति अथवा पत्नी के नसबंदी कराने पर उसे दो अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। यह लाभ आदेश जारी होने की तारीख से पहले के इस तरह के मामलों में भी दिया जाएगा।