जोधपुर
राजस्थान के पाली जिले की एक अदालत ने एक नाबालिग से बलात्कार और उसका गर्भपात कराने के मामले में सात आरोपियों को दोषी करार दिया है।
विशेष पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत के न्यायाधीश सचिन गुप्ता ने मुख्य आरोपी डुंगाराम (42) और पीड़िता की 21 वर्षीय मित्र रोशना को 20-20 साल के कड़े कारावास की सजा सुनाई है।
वहीं, लड़की का गर्भपात करने वाले चिकित्सक समेत चार अन्य लोगों को पांच-पांच साल के कारावास की सजा दी गई है। डुंगाराम की पत्नी नाटकी देवी को एक साल कारावास की सजा सुनाई गई है।
विशेष लोक अभियोजक संदीप नेहरा ने बताया कि डुंगाराम ने रोशना की मदद से पीड़िता से कई बार बलात्कार किया था।
नेहरा ने बताया कि डुंगाराम ने शुरुआत में पीड़िता के भाई की तरह होने का नाटक किया। उस समय पीड़िता 12 साल की थी। उन्होंने बताया कि इसके बाद रोशना की मदद से उसने 2020 से पीड़िता से कई बार बलात्कार किया।
सरकारी वकील ने बताया कि पीड़िता ने अपनी व्यथा रोशना की रिश्तेदार सीता देवी को बताई, लेकिन डुंगाराम ने उसे पैसे देकर चुप करा दिया।
उन्होंने बताया कि इस दौरान पीड़िता गर्भवती हो गई और जब उसके परिवार को इस बारे में पता चला, तो आरोपी ने मामले को दबाने के लिए उसके पिता से बात की।
नेहरा के अनुसार, डुंगाराम ने पीड़िता का गर्भपात कराने का वादा किया और परिवार को कुछ धन देने की पेशकश की।
उन्होंने बताया कि वे पीड़िता को पालनपुर में चिराग परमार नाम के एक चिकित्सक के पास ले गए, जिससे आरोपी को शंकरलाल नाम के एक व्यक्ति ने मिलवाया था।
नेहरा के मुताबिक, बाद में डुंगाराम अपने वादे से मुकर गया और पीड़िता के पिता ने मई 2021 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने पॉक्सो कानून और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की प्रासंगिक धाराओं के तहत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया और एक आरोप पत्र दाखिल किया।
परमार, शंकरलाल, रोशना का पिता मंगीलाल और सीता देवी को पांच-पांच साल कारावास की सजा सुनाई गई। मामले के एक अन्य आरोपी की पहचान नाटकी देवी के संबंधी राणाराम के रूप में हुई है। वह अभी फरार है।