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खालिस्तान मामले पर ब्रिटेन नर्म? ब्रिटिश समकक्ष टिम बैरो से NSA अजित डोभाल पूछ सकते हैं सवाल

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नई दिल्ली

इन दिनों खालिस्तान समर्थकों द्वारा विदेशों में भारत के खिलाफ गतिविधियां चिंताजनक स्तर तक पहुंच गई हैं। इसको लेकर भारत की तरफ से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शुक्रवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष टिम बैरो के सामने इस मुद्दे को उठाने वाले हैं। आज इन दोनों की बैठक सरदार पटेल भवन में होने वाली है। मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि इस दौरान विभिन्न द्विपक्षीय मामलों पर चर्चा होगी। यह बैठक ऐसे वक्त हो रही है जब ब्रिटेन स्थित खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के प्रमुख और अलगाववादी अमृतपाल सिंह के कथित हैंडलर अवतार सिंह खांडा की 15 जून को बर्मिंघम के एक अस्पताल में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी।

ब्रिटेन में नरमी पर चिंता
ब्रिटेन में खालिस्तानी अलगाववाद के उभार के बाद डोभाल पहले भी टिम बैरो से संपर्क में रहे हैं। नाम न जाहिर करने की शर्त पर सूत्रों ने बताया कि डोभाल ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक चरमपंथ के उभार और द्विपक्षीय संबंधों पर इसके प्रभाव को लेकर बैरो के संपर्क में हैं। वहीं, जिस तरह से ब्रिटेन में इस मामले नरमी बरती जा रही है, भारत उसे लेकर भी चिंतित है। गौरतलब है कि 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान खांडा के नेतृत्व में कट्टरपंथियों ने भारतीय तिरंगे का अपमान किया था। इसको लेकर भारत सरकार ने नाराजगी भी जताई थी। इसको लेकर दिल्ली पुलिस ने विदेश में किए गए अपराध पर एफआईआर दर्ज की, जो संभवत: पहली बार हुआ होगा। बाद में यह मामला गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर एनआईए को सौंप दिया गया। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में खांडा, गुरुशरण सिंह और जसवीर सिंह को मुख्य अपराधी माना था। कुछ अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बाद में एनआई ने मामले में एक दर्जन संदिग्धों को चिन्हित किया था।

सुरक्षा गारंटी मांग सकते हैं बैरो
डोभाल-बैरो की बैठक को लेकर कुछ बताया नहीं जा रहा है। लेकिन माना जा रहा है कि भारतीय एनएसए आठ जुलाई को लंदन में भारतीय उच्चायोग तक विरोध रैली की घोषणा करने वाले पोस्टरों में खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों द्वारा उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी और एक महावाणिज्य दूत समेत भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाएंगे। इस रैली के पीछे वजहों में 19 जून को कनाडा में केटीएफ के अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हुई हत्या को बताया जा रहा है। निज्जर को दो गिरोहों के बीच हुई गोलीबारी में मार गिराया गया था। सूत्रों के मुताबिक बताया कि बैरो के साथ बैठक के दौरान डोभाल ब्रिटेन में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा की गारंटी मांग सकते हैं। साथ ही चरमपंथियों द्वारा भारतीय राजनयिक परिसरों का उल्लंघन नहीं करने को लेकर भी आश्वासन की मांग उठा सकते हैं।