गुजरात
गुजरात हाईकोर्ट कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा, जिसमें उन्होंने मोदी सरनेम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। पिछले फैसले में, अदालत ने राहुल गांधी को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था और उनकी याचिका को आगे के विचार के लिए सुरक्षित रख लिया था।
हाईकोर्ट द्वारा गुरुवार को जारी सूची के अनुसार, जस्टिस हेमंत प्राच्छक की अदालत शुक्रवार सुबह 11 बजे अपना फैसला सुनाएगी। अगर हाईकोर्ट का फैसला राहुल गांधी के पक्ष में आता है तो उनकी संसद सदस्यता एक बार फिर बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
जस्टिस प्राच्छक ने 2 मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वह गर्मी की छुट्टियों के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे। सूरत कोर्ट ने पहले उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई थी। गुजरात हाईकोर्ट का अंतिम कार्य दिवस 5 मई था और यह 5 जून को फिर से खुला। यह मामला 2019 में कर्नाटक में एक सार्वजनिक रैली के दौरान की गई उनकी विवादास्पद "मोदी सरनेम" टिप्पणी से जुड़ा है।
राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान गुजरात हाईकोर्ट में तर्क दिया था कि एक जमानती एवं गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम दो साल की सजा का मतलब है कि उनके मुवक्किल अपनी लोकसभा सीट खो सकते हैं।
गौरतलब है कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी।
फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।