यूपी
राज्य सरकार निजी क्षेत्रों में टाउनशिप लाने के लिए भले ही अनुमति देने जा रही है पर मानमाने तरीके से जमीनों का भू-उपयोग नहीं बदला जा सकेगा। टाउनशिप का क्षेत्रफल 50 एकड़ से कम होने पर मास्टर प्लान में केवल आवासीय उपयोग की अनुमति दी जाएगी। इससे अधिक होने पर खेती की जमीन पर टाउनशिप लाने की अनुमति दी जाएगी।
अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने बुधवार को कैबिनेट से मंजूरी के आधार पर उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 जारी कर दी है। दो लाख से कम आबादी वाले शहरों में 12.5 एकड़ व दो लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 25 एकड़ में टाउनशिप लाने की अनुमति दी गई है। अर्बन मास ट्रांजिट कॉरीडोर्स के साथ और ऐसे क्षेत्रों जहां विकास के नए ग्रोथ सेंटर्स है उसे प्रोत्साहित किया जाएगा।
भूउपयोग भी शर्तों के साथ बदलने की छूट दी जाएगी। पांच लाख से दस लाख आबादी वाले शहरों में 25 फीसदी, पांच लाख से आबादी कम होने पर 50 प्रतिशत की छूट भू-उपयोग परिवर्तन पर दिया जाएगा। टाउनशिप में आवासीय, मिश्रित, व्यवसायिक, औद्योगिक संस्थान, सार्वजनिक और अर्द्ध सार्वजनिक सुविधाएं देनी होंगी। मनोरंजन, पार्क, खुले क्षेत्र, क्रीड़ा स्थल व जलाशलय और यातायात एवं परिवहन व पार्किंग स्थलों के मानकों का पालन करते हुए आरक्षित करना होगा।