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प्रदेश के हर मंडल में अपनी टीम भेजकर भाजपा नेताओं की ग्राउंड रिपोर्ट जुटाई

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भोपाल

प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चार माह पहले भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने दूसरे राज्यों से बुलाए गए अल्प विस्तारकों के जरिये मध्यप्रदेश के हर मंडल तक अपनी टीम भेजकर भाजपा नेताओं की ग्राउंड रिपोर्ट जुटाई है। यह रिपोर्ट लेकर मध्यप्रदेश से अल्प विस्तारक अपने गृह प्रदेश को लौट गए हैं और इनके द्वारा तैयार रिपोर्ट एक सप्ताह में केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मध्यप्रदेश में नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा बूथ कार्यकर्ताओं को दूसरे राज्यों से बुलाकर अल्प विस्तारक के तौर पर सौंपे गए कामों से लगाया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने 27 जून को करीब दो घंटे तक इन कार्यकर्ताओं के सवालों के जवाब दिए थे और सेवा के गुर सिखाने के साथ उन्हें बीजेपी नेतृत्व में विधानसभा चुनाव वाले पांच राज्यों के लिए भेजा था। इसके बाद एमपी के सिलेक्टेड अल्प विस्तारकों को दूसरे राज्यों में भेजा गया जबकि झारखंड, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों से हर लोकसभा क्षेत्र से बुलाए गए 5-5 बूथ कार्यकर्ताओं की टीम को मध्यप्रदेश के सभी 1078 बीजेपी मंडलों में पहुंचे थे। मंडलों में इन्हें एक सप्ताह से अधिक समय तक रोककर पार्टी ने तय फार्मेट पर हर विधानसभा का फीडबैक एकत्र कराया है। एक विधानसभा क्षेत्र में चार या अधिक मंडल तक होते हैं। ऐसे में अब बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के पास हर विधानसभा क्षेत्र के मंडल स्तर के फीडबैक की रिपोर्ट पहुंचने वाली है।

बताया जाता है कि कुछ जिलों से अल्प विस्तारकों की टीम मंगलवार को अपने गृह राज्य लौट गई है तो बाकी जिलों से बुधवार को इनकी वापसी का सिलसिला चलता रहा। इन अल्प विस्तारकों के सेवा कार्यों का महत्व इससे भी समझा जा सकता है कि जिस दिन दूसरे राज्यों से आए ये अल्प विस्तारक मंडलों के लिए रवाना हुए थे तो अधिकांश को टेÑन से रवाना करने के लिए खुद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा पार्टी पदाधिकारियों के साथ पहुंचे थे। यह सब पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर किए जाने की सूचना है।

अपने राज्य के अध्यक्ष को देंगे रिपोर्ट
एमपी से लौटे अल्प विस्तारकों ने जो रिपोर्ट तैयार की है वह एमपी के प्रदेश अध्यक्ष या किसी अन्य नेता को नहीं दी है। ये अल्प विस्तारक अपनी रिपोर्ट अपने गृह राज्य के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजेंगे जिसे वहां के प्रदेश अध्यक्ष केंद्रीय नेतृत्व को भेजेंगे। एमपी जैसी ही स्थिति चुनाव वाले दूसरे राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान व अन्य स्थानों पर भी अपनाई गई है। बताया गया कि अल्प विस्तारक  संगठन के निर्देश पर यह जानकारी भी जुटाकर गए हैं कि किस विधानसभा में बीजेपी के किस नेता का क्या जनाधार है? वर्तमान विधायकों और सांसदों को लेकर शक्ति केंद्र और मंडल स्तर पर क्या फीडबैक है? इनसे सामाजिक समीकरण के बारे में भी जानकारी मांगी गई है जो जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचने वाली है।