नई दिल्ली
11 जुलाई को जीएसटी परिषद (GST Council meeting) की 50वीं बैठक होने वाली है। इस बैठक में परिषद ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) पर टैक्स पर विचार करेगी। बिजनेस टुडे ने एक शीर्ष सरकारी अधिकारी से बातचीत के हवाले से बताया है कि 50वीं वस्तु एवं सेवा परिषद 11 जुलाई को अपनी बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर कर (Tax) की दर पर चर्चा करेगी।
अधिकारी ने कहा, “यह मुद्दा लंबे समय से लंबित है। इस पर परिषद विचार करेगी। हम कानूनी रुख पर स्पष्ट हैं, लेकिन नतीजे पर टिप्पणी करना मुश्किल है, क्योंकि यह राज्यों के हाथ में है।" मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा के नेतृत्व में मंत्रियों के एक समूह (GOM) ने जब दिसंबर में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, तब वह आम सहमति पर नहीं पहुंच सके थे और कुल वांछित मूल्य पर 28 फीसद टैक्स लगाने की अपनी पिछली स्थिति पर कायम रहे, न कि नेट मार्जिन पर।
कहां अटका है मामला
ऑनलाइन गेमिंग को अभी ‘कौशल वाले खेलों’ और ‘किस्मत आजमाने वाले खेलों’ की श्रेणी में रखा जा रहा है। ‘किस्मत आजमाने वाले खेलों’ पर 28 फीसदी की दर से और ‘कौशल वाले खेलों’ पर 18 फीसद की दर से जीएसटी लगता है। बता दें अधिकांश ऑनलाइन गेमिंग पोर्टल, जिनमें सट्टेबाजी या गैंबलिंग (जुआ) शामिल है, वो अपने ऐप या उत्पाद को ‘कौशल वाले खेलों’ के तौर पर बताते हैं। अधिकतर राज्य सरकारें ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के समर्थन में हैं।
अधिकारी ने कहा कि यह राज्यों पर निर्भर है। विचार-विमर्श के नतीजे की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, "रिपोर्ट के बावजूद कुछ राज्य टैक्स बढ़ाने पर आपत्ति भी कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें ऑनलाइन गेमिंग से राजस्व मिलता है।" जीएसटी परिषद कौशल आधारित और मौका गेमिंग के संबंध में एक अलग कर उपचार पर भी चर्चा कर सकती है। परिषद जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण पर भी विचार करेगी, जिसके दिसंबर 2023 तक लागू होने की संभावना है।