मुंबई
एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार में अजित पवार के आने से महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के सांसद विनायक राउत ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाकर एनसीपी के 8 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाए जाने से शिंदे गुट में नाराजगी है।
एनसीपी के शामिल होने से शिंदे गुट के उन विधायकों के मंसूबों पर पानी फिर गया है जो आगामी कैबिनेट विस्तार में मौका मिलने का सपना देख रहे हैं। विनायक राउत ने दावा किया कि अब शिंदे गुट के विधायकों का एक गुट फिर से उद्धव ठाकरे के साथ जाने पर चर्चा कर रहा है।
दरअसल सांसद विनायक राउत गुरुवार को मुंबई में मीडिया से बात कर रहे थे। इस दौरान संजय राउत ने कहा कि जिस दिन अजितदादा और उनकी कंपनी वहां कूदी, उसी दिन शिंदे गुट के विधायकों ने बगावत शुरू कर दी। विधायकों के इस आक्रोश को रोकते हुए एकनाथ शिंदे का गुस्सा भड़क गया है। उनकी हालत दयनीय हो गई है। कई विधायक कह रहे हैं, हम जिस सदन में थे, वहीं ठीक हैं। एक मंत्री ने बयान दिया कि अगर मातोश्री हमारी मदद करेगा तो हम उसे सकारात्मक जवाब जरूर देंगे।
पश्चिम महाराष्ट्र, उत्तर महाराष्ट्र, विदर्भ और मराठवाड़ा से संदेश आ रहे हैं। यहां विधायकों के बीच चर्चा है कि हम जहां हैं वहीं बेहतर है। विनायक राउत ने कहा कि हमें पता चला है कि संबंधित विधायकों के बीच इस बात पर चर्चा चल रही है कि क्या मातोश्री से माफी मांगकर वापस जाना चाहिए।
शिंदे गुट के दो विधायकों के बीच बहस?
सरकार में अजित पवार की एंट्री के बाद से ही शिंदे गुट में काफी उथल-पुथल मची हुई है और इसका विस्फोट मंगलवार रात को देखने को मिला। विश्वसनीय रिपोर्ट है कि इसी मुद्दे पर मंगलवार शाम दो विधायकों में झगड़ा हो गया। नए सत्ता समीकरण के मुताबिक शिंदे गुट को तीन से चार मंत्री पद ही और मिलने की संभावना है। इसलिए इसमें अपना नाम लेने के लिए शिंदे गुट के विधायकों में दरार पैदा हो गई है। कुछ विधायकों ने सार्वजनिक रूप से मांग की है कि 'जो लोग पिछले एक साल से मंत्री पद का आनंद लेने में सक्षम थे उन्हें हटा दिया जाए और दूसरों को मौका दिया जाए।
हल्की-फुल्की हाथापाई की भी खबरें
मंत्री पद की दावेदारी कर रहे दो विधायकों के बीच मंगलवार को जुबानी झड़प हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों के बीच हल्की-फुल्की हाथापाई की भी खबरें आ रही हैं। विधायकों के बीच मारपीट की खबर सुनकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को आधे रास्ते से ही नागपुर छोड़कर मुंबई लौटना पड़ा। उनकी मौजूदगी में बुधवार देर रात तक वर्षा बंगले पर विधायकों को समझाने की कोशिशें चलती रहीं। इसके बाद बुधवार रात वर्षा बंगले पर विधायकों और सांसदों की बैठक भी हुई। इस बैठक के बाद शिंदे गुट के विधायक कह रहे हैं कि सब कुछ ठीक है, लेकिन इस बात की चर्चा जोरों पर है कि असल में हालात कुछ और हैं।