इस्लामाबाद
पाकिस्तान में 5 लोगों को महज इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया है क्योंकि वे इजरायल जाकर काम कर रहे थे। इन लोगों ने 7 साल तक इजरायल में काम किया था और इसकी सजा के तौर पर इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके खिलाफ देश के पासपोर्ट और इमिग्रेशन कानून के तहत केस चल रहा है। पाकिस्तान की जांच एजेंसी FIA ने इन्हें सिंघ के मीरपुर खास शहर से अरेस्ट किया था। पाकिस्तानी एजेंसी के प्रवक्ता का कहना है कि ये लोग इजरायल जाकर हेल्पर और कार वॉशर के तौर पर काम करते थे। ये लोग तेल अवीव में नौकरी कर रहे थे।
इन पाकिस्तानियों ने तेल अवीव में 4 से 7 साल तक नौकरी की थी। इन लोगों ने इजरायली एजेंट्स को एंट्री करने के लिए 1200 से 1500 डॉलर तक की रकम दी थी। तुर्की, केन्या और श्रीलंका समेत कई देशों में होते हुए ये लोग इजरायल गए थे। आरोप है कि ये इजरायल से परिवार के लोगों को रकम भी भेजते थे। यही नहीं इजरायल से जॉर्डन और दुबई के रास्ते ये लोग कराची आया करते थे। जांच एजेंसी का कहना है कि इन लोगों के अलावा तीन और की तलाश जारी है। ये लोग भी इजरायल गए थे और वहां काम करने लगे थे।
दरअसल पाकिस्तान के नागरिकों के इजरायल जाने पर रोक है। पाकिस्तान के पासपोर्ट में भी इसका जिक्र रहता है कि वह इजरायल को छोड़कर दुनिया के किसी भी देश में जा सकते हैं। पाकिस्तान और इजरायल के बीच कभी राजनयिक संबंध नहीं रहे हैं। पाकिस्तान तो इजरायल को मान्यता देने से भी इनकार करता है। पाकिस्तान की तरह ही कई और मुस्लिम बहुल देश हैं, जो इजरायल को मान्यता नहीं देते। हालांकि बीते कुछ सालों में हालात बदले हैं। यूएई, बहरीन और सऊदी अरब जैसे देशों ने इजरायल से संबंध बहाल किए हैं।
पाकिस्तान और इजरायल के विदेश मंत्रियों की 2005 में एक गुपचुप मीटिंग भी हुई थी। हालांकि पाकिस्तान में इजरायल एक संवेदनशील मसला है। इसके खिलाफ वहां कट्टरपंथियों ने मोर्चा खोल दिया था। पाकिस्तान का मानना है कि इजरायल का निर्माण अवैध तौर पर ही हुआ है और वह पूरा हिस्सा फलीस्तीन का है, जहां इजरायल बसा है। पाकिस्तान के पासपोर्ट में भी स्पष्ट किया गया है कि उसने नागरिक दुनिया के किसी भी देश की यात्रा कर सकते हैं, लेकिन इजरायल नहीं जा सकते।