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Air India और Vistara ने कहा कि उनके विलय से कंपटीशन पर नहीं पड़ेगा बुरा असर

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मुंबई

एविएशन सेक्टर (Aviation Sector) में बीते कुछ समय में कई बड़ी खबरें हमने देखी हैं। पहले एयर इंडिया का टाटा ग्रुप (Tata Group) के पास जाना। फिर एयर इंडिया (Air India) और इंडिगो (IndiGo) का भारी भरकम विमानों का ऑर्डर। और अब जल्द ही इस सेक्टर में हमें दो मर्जर देखने को मिलने वाला है। टाटा ग्रुप अपनी सभी एयरलाइन्स को एक जगह लाने की योजना पर काम कर रहा है। एयर इंडिया और विस्तारा (Vistara) ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से कहा है कि उनके मर्जर से प्रतिस्पर्धा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्योंकि संयुक्त इकाई जिन रूट्स पर उड़ान भरेगी, वहां कई कंपटीटर मौजूद हैं। मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सीसीआई (CCI) की जांच से बिजनस पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, इससे टाइमलाइन पर असर पड़ सकता है।

एयर इंडिया और विस्तारा के विलय का रिव्यू कर रहा CCI

सीसीआई एयर इंडिया और विस्तारा के विलय का रिव्यू कर रहा है। क्योंकि टाटा ग्रुप अपनी एयरलाइन एकीकरण योजना को अमल में ला रहा है। नियामक ने इस एकीकरण की प्रोसेस को तत्काल अनुमति नहीं दी है। इसने दोनों एयरलाइन्स से पूछा है कि विलय के प्रभाव की जांच क्यों नहीं की जानी चाहिए। विलय की प्रोसेस दूसरे चरण में हैं, जिसमें दोनों पार्टियों और सीसीआई के बीच चर्चाएं होंगी।

एयर इंडिया ग्रुप के पास होगी पर्याप्त प्रतिस्पर्धा

प्रोसेस में शामिल एक व्यक्ति ने कहा, 'दुनिया भर के एंटी ट्रस्ट नियामक ओ एंड डी (ओरिजिन एंड डेस्टिनेशन) एप्रोच के माध्यम से प्रतिस्पर्धा पर प्रभाव की जांच करते हैं।' इसने आगे कहा, 'इसमें कंपनी द्वारा संचालित प्रत्येक ओ एंड डी को एक अलग मार्केट माना जाता है। हम सबसे व्यस्त बाजारों पर नजर डालें तो एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस और विस्तारा के पास पर्याप्त प्रतिस्पर्धा होगी।'

सिंगापुर एयरलाइन्स की होगी 25.2 फीसदी हिस्सेदारी

टाटा ग्रुप विस्तारा का एयर इंडिया में विलय कर रहा है। इससे वह एक सिंगल फुल सर्विस एयरलाइन बनाना चाहता है। नई एयरलाइन में सिंगापुर एयरलाइन्स की 25.2 फीसदी हिस्सेदारी होगी। वहीं, एयर एशिया एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ विलय की प्रक्रिया में है, जिससे यह एयर इंडिया की सिंगल लो-कोस्ट सब्सिडियरी बन सके।

बाजार पर कितनी होगी पकड़

डेटा एनालिटिक्स फर्म Cirium के अुसार, नई एयरलाइन के पास दिल्ली-मुंबई रूट पर कुल उड़ानों का 49% हिस्सा होगा। वहीं, कुल उड़ानों में 31 फीसदी हिस्से के साथ इंडिगो की इस रूट पर मजबूत उपस्थिति है। इसी तरह, दूसरे सबसे व्यस्त दिल्ली-बेंगलुरु रूट पर संयुक्त एयर इंडया ग्रुप की कुल उड़ानों में 52 फीसदी हिस्सेदारी होगी। इंडिगो कि यहां 35 फीसदी हिस्सेदारी है। इंटरनेशनल सेक्टर की बात करें, तो दिल्ली-दुबई रूट पर इंयर इंडिया ग्रुप की कुल उड़ानों में 23 फीसदी हिस्सेदारी होगी। एमिरेट्स, इंडिगो और स्पाइसजेट की भी इस रुट पर मजबूत उपस्थिति है।