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संगठन की MP और MLA को चेतावनी, असंतुष्ट को साधने में ना करे लापरवाही

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 भोपाल

बीजेपी संगठन ने विधायकों और सांसदों को चेतावनी दी है कि अगर पार्टी के नाराज नेताओं और असंतुष्टों को साधने में वे सफल नहीं हुए तो आगामी चुनाव में उनका टिकट खतरे में पड़ सकता है क्योंकि असंतुष्ट और नाराज वरिष्ठ नेताओं के चलते पार्टी का वोट बैंक प्रभावित होगा जो चुनाव लड़ने वाले कैंडिडेट के लिए घातक हो सकता है। संगठन ने कहा है कि 18 जुलाई के पहले अपने क्षेत्र के जनाधार रखने वाले नेताओं के साथ टिफिन बैठक कर उनका गुस्सा कम करें और साथ लेने का काम करें।

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का मानना है कि नाराज लोगों को साथ बिठाकर उनके साथ भोजन करने के गिले-शिकवे काफी हद तक  कम हो जाते हैं। इसके बाद लगातार संवाद के जरिये असंतुष्ट और नाराज लोगों को मनाया जा सकता है। जिसकी भी नाराजगी होती है, वह एक दो बैठकों में सामने आने के बाद सामान्य हो जाती है। इसी तारतम्य में मई और जून माह में जिलों में जनाधार रखने वाले असंतुष्ट और नाराज पूर्व विधायकों, जिम्मेदार पदों पर रहे प्रतिनिधियों से संवाद करने के लिए कहा गया था।

इसके लिए टिफिन बैठक करने के लिए भी कहा गया था जिसमें सभी को अपने घर से टिफिन मंगाकर साथ में भोजन करना था। केंद्रीय और प्रदेश संगठन के बार-बार निर्देश के बाद भी कई विधायकों और सांसदों ने स्थानीय स्तर पर मेल जोल को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है और न तो नाराज नेताओं से संवाद किया और न ही टिफिन बैठकें की हैं।

इसलिए मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरली धर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने सभी विधायकों और सांसदों के साथ वर्चुअल बैठक कर टिफिन बैठकों के लिए 18 जुलाई की डेडलाइन तय की है। इनसे कहा गया है कि सभी इस तिथि तक टिफिन बैठकें करके अपनी रिपोर्ट संगठन को देंगे।

10 जुलाई को विधायक दल की बैठक
बीजेपी विधायक दल की बैठक दस जुलाई को होगी। मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश संगठन महामंत्री की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक में विधानसभा के अंतिम सत्र के दौरान लिए जाने वाले रणनीतिक फैसलों पर चर्चा होगी।

पांच राज्यों में पार्टी के फीडबैक की जानकारी जुटाएंगे विजयवर्गीय
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के फीडबैक जुटाने और टिकट वितरण के मामले में संगठन को रिपोर्ट देने का काम करेंगे। केंद्रीय मंत्री अमित शाह की टीम में शामिल रहे विजयवर्गीय आने वाले चुनाव में भी उनकी विंग के रूप में ही काम करने वाले हैं।

इस दौरान जिन राज्यों में चुनाव होना है वहां दौरे कर पार्टी के बारे में जानकारी जुटाने और कमजोर कैंडिडेट के बारे में फीडबैक देने का काम उन्हें सौंपा गया है। इसके साथ ही वे मध्यप्रदेश में पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार अधिक सक्रिय रहेंगे। गौरतलब है कि पार्टी ने विजयवर्गीय को छोड़ बाकी सभी महासचिवों को किसी न किसी राज्य की जिम्मेदारी सौंपी है और विजयवर्गीय के लिए अलग काम तय किया है।