सीधी.
दलित युवक पर पेशाब करने वाले भाजपा कार्यकर्ता प्रवेश शुक्ला के खिलाफ सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा ऐक्शन लिया है। आरोपी प्रवेश शुक्ला का घर तोड़ने के लिए 'मामा' का बुलडोजर पहुंच गया है। साथ ही आरोपी प्रवेश शुक्ला पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) भी लगा दिया गया है। घर के सामने बुलडोजर देख आरोपी की मां और चाची बेहोश हो गईं। भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के सीधी में प्रवेश शुक्ला नाम के एक भाजपा कार्यकर्ता ने एक दलित युवक पर पेशाब कर दिया था। पेशाबकांड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। सीएम शिवराज ने आरोपी प्रवेश शुक्ला के खिलाफ सख्त ऐक्शन लेने का आदेश दिया था। मंगलवार की रात प्रवेश शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया। अब पेशाबकांड के आरोपी के घर जिला प्रशासन की टीम बुलडोजर लेकर पहुंची है।
मध्य प्रदेश में हुए पेशाबकांड के बाद तमाम विपक्षी दलों ने भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। बुलडोजर वाले ऐक्शन की मांग भी उठने लगी थी। राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि आरोपी प्रवेश शुक्ला के अवैध निर्माण को गिराया जाएगा। बुधवार को जिला प्रशासन की टीम के साथ भारी संख्या में पुलिस बल आरोपी के घर पहुंची। प्रवेश शुक्ला की मां और चाची घर से सामने बुलडोजर देख बेहोश हो गईं। वहां मौजूद पुलिस के अधिकारियों ने आरोपी की मां और चाची को समझाया। प्रवेश शुक्ला की मां ने रोते हुए कहा कि बेटे ने गलत किया है तो उसे सजा दो लेकिन मेरा घर मत गिराओ।
सीएम शिवराज ने आरोपी के खिलाफ सख्त ऐक्शन लेने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने NSA लगाने को भी कहा था। आरोपी के गिरफ्तारी के ठीक अगले दिन मामा का बुलडोजर उसके घर पहुंच गया। घर के अवैध निर्माण को गिराया जा रहा है। इस दौरान मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
करीब एक हफ्ते पुराने इस वीडियो के सामने आने के बाद केस दर्ज कर लिया गया. आरोपी के खिलाफ धारा 294, 506 भारतीय दंड विधान 71 एससी एसटी एक्ट के तहत साथ ही एनएसए की कार्रवाई भी की जा रही है.
क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून?
नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) या राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) ऐसा कानून है, जिसके तहत किसी खास खतरे के चलते शख्स को हिरासत में लिया जा सकता है. अगर प्रशासन को लगता है कि उस व्यक्ति की वजह से देश की सुरक्षा और सद्भाव को खतरा हो सकता है तो ऐसा होने से पहले ही उस शख्स को रासुका के तहत हिरासत में ले लिया जाता है.
इस कानून को 1980 में देश की सुरक्षा के लिए सरकार को ज्यादा अधिकार देने के मकसद से बनाया गया था. इस कानून का इस्तेमाल पुलिस कमिश्नर, डीएम या राज्य सरकार कर सकती है. अगर सरकार को लगे कि कोई व्यक्ति बिना किसी मतलब के देश में रह रहा है और उसे गिरफ्तार किए जाने की जरूरत है तो उसे भी गिरफ्तार कर सकती है. कुल मिलाकर ये कानून किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में या गिरफ्तार करने का अधिकार देता है.
NSA में क्या होती है सजा?
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA के तहत हिरासत में लिए गए व्यक्ति को 3 महीने तक जेल में रखा जा सकता है. इसके बाद जरूरत पड़ने पर इसे 3-3 महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है, लेकिन किसी भी हालत में 12 महीने से ज्यादा जेल में नहीं रखा जा सकता.