बैंकॉक
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक भारतीय पर्यटकों के लिए सबसे लोकप्रिय स्थलों में से एक है। पर्यटकों के लिए अब तक यहां पहुंचने का एकमात्र तरीका हवाई मार्ग द्वारा ही संभव था। लेकिन अब जल्द ही आप बस और बाइक के जरिए बैंकॉके जा सकेंगे। भारत-म्यांमार और थाईलैंड को जोड़ने वाला बहुप्रतीक्षित त्रिपक्षीय राजमार्ग अगले चार वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि महत्वाकांक्षी भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग पर लगभग 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
2,800 किलोमीटर लंबा राजमार्ग बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बिम्सटेक की परियोजना है जिसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच व्यापार, व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देना है। राजमार्ग बैंकॉक में शुरू होगा और म्यांमार में प्रवेश करने और यांगून और मांडले जैसे शहरों से होकर गुजरने से पहले सुखोथाई और माई सॉट जैसे थाई शहरों से होकर गुजरेगा। यह भारत में प्रवेश करेगा और मोरेह, कोहिमा, गुवाहाटी, श्रीरामपुर और सिलीगुड़ी होते हुए कोलकाता पहुंचेगा। हाल ही में कोलकाता में बिम्सटेक का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।
इसी सम्मेलन में भाग लेने अधिकारियों ने जानकारी दी कि राजमार्ग के भारतीय और थाईलैंड भागों पर अधिकांश काम पूरा हो गया है, जबकि म्यांमार में असामान्य परिस्थितियों की वजह से निर्माण अभी रुका हुआ है। थाईलैंड के विदेश मामलों के उप मंत्री विजावत इसराभकदी ने बताया कि थाईलैंड-म्यांमार सीमा पर स्थित बैंकाक से मॅई सॉट तक राजमार्ग का थाईलैंड भाग लगभग पूरा हो चुका है। यह 501 किलोमीटर का हिस्सा लगभग तैयार है।
अटल जी का ड्रीम प्रोजक्ट भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना भारत की सबसे महत्वाकांक्षी 'लुक ईस्ट पॉलिसी' का एक हिस्सा है। त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना को पहली बार अप्रैल 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा पेश किया गया था। प्रस्ताव के मुताबिक इस राजमार्ग को अंततः कंबोडिया के माध्यम से वियतनाम और फिर लाओस तक बढ़ाया जा सकता है।