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बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर बढ़ती रस्साकशी, केंद्रीय बलों की 485 और कंपनियों की तैनाती को मंजूरी

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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय बल की शेष 485 कंपनियों को भेजने की मंजूरी दे दी है और अब केंद्रीय बलों की 822 कंपनियां हो जाएंगी। बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग (SES) ने सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट को यह सूचना दी। एसईसी के वकील ने कहा कि पंचायत चुनावों के लिए 4,834 बूथ को संवेदनशील के रूप में चिह्नित किया गया है, जो कुल 61,636 बूथ का 7.8 प्रतिशत है।

आयोग ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को सूचित किया कि उसे सोमवार को सूचना मिली कि मंत्रालय ने पहले स्वीकृत 337 कंपनियों के अलावा केंद्रीय सुरक्षाबलों की 485 कंपनियों को मंजूरी दी है। उच्च न्यायालय ने 21 जून को एसईसी को पंचायत चुनावों में तैनाती के लिए 82,000 से अधिक केंद्रीय बलों के जवानों को भेजने के अनुरोध का निर्देश दिया था। मामले पर मंगलवार को दोबारा सुनवाई होगी।

बंगाल में अलगाववादी समूहों को बढ़ावा दे रही भाजपा: ममता
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर विभाजनकारी राजनीति कर कश्मीर और मणिपुर को 'बर्बाद' करने का सोमवार को आरोप लगाया। उन्होंने यह दावा भी किया कि यह पश्चिम बंगाल में अब अलगाववादी समूहों को बढ़ावा दे रही है। बीरभूम जिले के दुबराजपुर में पंचायत चुनाव के लिए आयोजित एक रैली को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुए बनर्जी ने आरोप लगाया, 'भाजपा अपने राजनीतिक हित के लिए राज्य का विभाजन करने के उद्देश्य से उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में कुछ खास समूहों को भड़का रही है।'

ममता बनर्जी ने कहा, 'भाजपा ने अपनी विभाजनकारी राजनीति के जरिए कश्मीर और मणिपुर को बर्बाद कर दिया और अब पश्चिम बंगाल के पीछे पड़ी है। वह राज्य को विभाजित करने के लिए उत्तरी बंगाल और जंगल महल (दक्षिणी हिस्से) के विभाजनकारी समूहों का समर्थन कर रही है और उन्हें उकसा रही है। हम राज्य का विभाजन नहीं होने देंगे और ऐसी ताकतों को हराएंगे।' बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा की नीतियों ने मणिपुर को संकट में डाल दिया है राज्य में (जातीय हिंसा में) 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।