मुंबई
23 जून को पटना में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक के दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लामबंद नेताओं की फौज सबने देखी थी। लेकिन कल तक पीएम मोदी के खिलाफ जो विपक्ष एक हो रहा था, महाराष्ट्र के झटके ने सबकुछ बिखेरकर रख दिया है। विपक्षी एकता के सबसे बड़े नेता शरद पवार (Sharad Pawar) की एनसीपी में बगावत हो गई। बगावत भी कोई और नहीं बल्कि उनके भतीजे अजीत पवार (Ajit Pawar) ने कर दी। बीजेपी के दिए इस झटके से एनसीपी मुखिया भी हिल गए। अभी तक विपक्ष को जोड़ने की मुहिम में शामिल शरद पवार अब खुद की पार्टी जोड़ने की कोशिश में जुट गए हैं। कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेता भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को घेर रहे हैं। लेकिन महाराष्ट्र के घटनाक्रम ने विपक्षी नेताओं के चेहरों पर शिकन तो ला ही दिया है।
अपनी पार्टी बचाने में जुटे पवार
अभी तक विपक्षी एकता को मजबूत करने की कोशिश में लगे शरद पवार के लिए ये बड़ी मुसीबत आ गई है। पार्टी में बगावत के बाद सतारा की रैली में पवार ने कहा कि वह पार्टी को फिर खड़ा करेंगे। उन्होंने कहा कि कई लोग मिलकर पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों का समर्थन हमारे साथ। जब पवार ये सब बातें बोल रहे थे तो उनके चेहरे पर अलग-अलग तरह के भाव थे। जिस विपक्षी एकता के वे सूत्रधार थे, उन्हें खुद अब अपनी पार्टी को बचाने के लिए जीजान लगाना पड़ रहा है। वो अब दावा कर रहे हैं कि 3 महीने में पूरी पिक्चर बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि ये सब उनके लिए नया नहीं है। पवार ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नीतीश कुमार ने उन्हें फोन किया है। तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने भी शरद पवार संग अपनी एकजुटता दिखाई है। लेकिन अगर पवार अपनी पार्टी को एकजुट नहीं कर पाएंगे तो विपक्षी एकता वो कैसे कर पाएंगे? ये ऐसा सवाल है, जिसका जवाब अगले कुछ दिनों में मिलने की उम्मीद है।
अखिलेश ने बता दिया अपना लक्ष्य
उधर, महाराष्ट्र घटनाक्रम के बाद तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव से मिलने पहुंचे समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने भी बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सबका लक्ष्य एक ही है कि देश से बीजेपी जाए। जैसे सत्य नहीं बदल सकता है वैसे ही लक्ष्य नहीं बदल सकता है। हम मिलकर बीजेपी को हटाना चाहता हैं। कोई बात कहने के लिए नहीं है जब आप दिल्ली की सरकार में बीजेपी की सरकार को हटाना चाहते हैं तो उसके लिए रास्ता तो निकलना पड़ेगा।
जेडीएस ने कस दिया तंज
कर्नाटक के पूर्व सीएम जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने एनसीपी पर तंज कसते हुए एक नए समीकरण की तरफ इशारा कर दिया है। उन्होंने आज कहा कि महाराष्ट्र में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे भय लग रहा है कि पता नहीं कर्नाटक में कौन अगला अजीत पवार बन जाए? दरअसल, उनका इशारा कांग्रेस की तरफ है। यहां उल्लेखनीय ये भी है कि विपक्षी दलों की अगली बैठक बेंगलुरु में ही 17-18 जुलाई को होने वाली है।
ओपी राजभर के दावे से लगेगा एसपी को झटका!
अखिलेश के लिए अभी मुश्किल वक्त है। कभी उनके साथ रहे सुभासपा के मुखिया ओपी राजभर ने दावा किया है कि एसपी के कई विधायक और सांसद उनके संपर्क में हैं। उन्होंने दावा किया कि कोई विधायक बनना चाहता है कोई सांसद। यही नहीं, राजभर ने दावा किया कि आरएलडी के चीफ जयंत चौधरी भी अखिलेश यादव से खुश नहीं हैं। बकौल राजभर एसपी के कई एमएलए पाला बदलने के लिए तैयार हैं और उनका पैगाम बीजेपी तक पहुंचाने की कोशिश करूंगा।
नीतीश की पार्टी ने बीजेपी का दो चेहरा बताया
महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय चीफ ललन सिंह ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के दो चेहरे हैं। एक अटल बिहारी वाजपेयी के वक्त वाला एक अभी पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के वक्त वाला। ललन सिंह ने कहा कि वो अपने सहयोगियों के साथ धोखाधड़ी करने का सहयोगी का कद छोटा करके अपना कद बढ़ाने का है। ये चरित्र इनका शुरू से उजागर हो रहा है। ये इनका चरित्र है महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भी दलबदल करके अपनी सरकार बना ली। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इनसे डरते नही हैं, नीतीश किसी से नहीं डरते हैं। इनसे क्यों डरेंगे। नीतीश कुमार को कुछ है क्या कि उनको डर है ईडी, सीबीआई से।
मांझी ने जेडीयू के ले लिए मजे
हाल ही में महागठबंधन से रिश्ता तोड़ने वाले बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने तंज कसा है। उन्होंने दावा किया की जल्द ही जेडीयू में बड़ी टूट होगी। विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगा है। जो जनक माने जाते थे शरद पवार का भतीजा ही आगे बढ़ गया। वो एनडीए के समर्थन में आ गए। बिहार में भी बहुत से एमपी, MLA नीतीश कुमार से घुट-घुटकर रह रहे हैं। नीतीश कुमार की तानाशाही से। नीतीश कुमार किसी से नहीं मिलते थे। जब जीतनराम मांझी मिलने जाते थे तो वाया मीडिया से मिलाते थे। कहते थे विजय चौधरी से बात कर लीजिए। नीतीश सबको अपमानित करते रहते हैं। वैसी परिस्थिति में इनके साथ कौन रहेगा। निकट भविष्य में देखिएगा जेडीयू में जरूर बड़ी टूट होगी।