नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट 42 दिनों के ग्रीष्मावकाश के बाद सोमवार को फिर से पूर्ण रूप से कामकाज शुरू कर देगा। इसी के साथ वह मणिपुर हिंसा, मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद और अशरफ की बहन की याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करेगा।
समलैंगिक विवाह समेत कई मुद्दों पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सर्वोच्च अदालत मणिपुर हिंसा, कुकी आदिवासियों को सैन्य संरक्षण और उन पर हमला करने वाले सांप्रदायिक समूहों पर केस चलाने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इसके अलावा, घरेलू हिंसा के शिकार विवाहित पुरुषों के आत्महत्या करने के मामलों पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट मामले में गाइडलाइंस जारी करेगा। समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर भी सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।
अवकाशकालीन खंडपीठ ने की 2000 से अधिक मामलों की सुनवाई
अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों में इलेक्टोरल बांड योजना की वैधता, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी सुनवाई होगी। सूत्रों का कहना है कि कई अवकाशकालीन खंडपीठों ने ग्रीष्मावकाश के दौरान तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत समेत करीब दो हजार से अधिक मामलों पर सुनवाई की। साथ ही 700 से अधिक मामलों का निपटारा किया।
तीस्ता सीतलवाड़ को जेल जाने से बचाया
शनिवार को देर रात की विशेष सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई के नेतृत्व वाली तीन जजों की पीठ ने सीतलवाड़ को जेल जाने से बचा लिया और गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर एक हफ्ते की रोक लगा दी। गुजरात हाई कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों में आरोपित तीस्ता सीतलवाड़ पर निर्दोष लोगों को फंसाने का आरोप है।
सुप्रीम कोर्ट के जजों की संख्या घटकर हुई 31
ग्रीष्मावकाश के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जजों की संख्या घटकर 31 रह गई। चूंकि तीन वरिष्ठ जज जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस वी. रामासुब्रह्मण्यन क्रमश: 16 जून, 17 जून और 29 जून को रिटायर हो गए। सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या 34 होती है। एक अन्य वरिष्ठ जज जस्टिस कृष्ण मुरारी का कार्यकाल 8 जुलाई को खत्म हो रहा है।