अशोकनागर
अशोकनागर जिले के चंदेरी तहसील से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहां शासकीय भूमि पर कई वर्षों से रह रहे एक आदिवासी व्यक्ति ने पट्टा व पीएम आवास न मिलने पर अलग ही अंदाज में अपनी नाराजगी व्यक्त की है। दरअसल, चंदेरी में प्रधानमंत्री आवास और कब्जे की जमीन पर पट्टे की मांग को लेकर लंबे समय से तोताराम आदिवासी लगातार अधिकारियों के चक्कर काट रहा था। इससे तंग आकर तोताराम ने सीएमओ और तहसीलदार के कार्यालय पहुंचकर अपनी जेब में रखे जहरीले जीव गोहरा को उनके चैंबर में छोड़ दिया। गोहरा देखकर मौके पर मौजूद अधिकारी और कर्मचारी हक्के-बक्के रह गए। इस दौरान काफी समझाने के बाद तोताराम ने वापस उस जहरीले जीव को पकड़ा और अपनी जेब में रख लिया।
चैंबर में गोहरा छोड़कर दर्ज कराया अपना विरोध
जानकारी के मुताबिक, तोताराम आदिवासी जहरीले जीव और सांपों को पकड़ने का काम करता है। वह चंदेरी स्थित एक भूमि पर वर्षों से रह रहा है और उसी जमीन पर पट्टे की मांग के साथ पीएम आवास की भी मांग कर रहा है। लेकिन उसे पट्टा नहीं मिल सका। इससे नाराज होकर तोताराम ने अपनी जेब में रखा जहरीला जीव गोहरा सीएमओ और तहसीलदार के चैंबर में छोड़कर अपना विरोध दर्ज कराया।
‘वह तो गोहरा दिखाने के लिए आया था’
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अधिकारी और नगर पालिका अध्यक्ष कहते नजर आए कि वह तो गोहरा दिखाने के लिए आया था, ऐसा कुछ भी नहीं है। वहीं, तोताराम का कहना है कि अगर मुझे पट्टा और आवास नहीं मिला तो दोनों जगह इतने जहरीले सांप और गोहरे छोड़ेंगे कि इन्हें मुश्किल हो जाएगी। चंदेरी के नगर परिषद अध्यक्ष द्वारा कहा गया कि वह तो सिर्फ यह जीव दिखाने के लिए लाया था। उसका आवास मंजूर हो चुका है। जगह अतिक्रमण में है, इसलिए कुटी नहीं बन पाई है।
‘इस जमीन पर पट्टा दिया जाना संभव नहीं’
वहीं, चंदेरी तहसीलदार सोनू गुप्ता ने बताया कि संबंधित व्यक्ति गोहरा और सांप पकड़ने का काम करता है। वह कहीं से गोहरा पकड़कर ले आया था। नगरपालिका अध्यक्ष के कक्ष में छोड़कर भी दिखाया था। वह तहसील में भी लाया था और पट्टे के लिए दबाव बनाने का प्रयास कर रहा था। लेकिन संबंधित व्यक्ति ने जिस जमीन पर कब्जा किया हुआ है, वह वक्फ बोर्ड की जमीन है। जंहा उसे पट्टा दिया जाना संभव नहीं है। उसे अन्य जगह पट्टा देने के लिए भी कहा गया है। लेकिन वह मानने के लिए तैयार नहीं है।
‘अन्य जगह तलाश कर दिया जाएगा पट्टा’
चंदेरी नगरपालिका सीएमओ संतोष सैनी ने बताया कि नगरपालिका के द्वारा उक्त भूमि पर आवास स्वीकृत किया गया था और एक लाख रुपये इन्हें दे भी दिए गए थे। लेकिन इन्होंने उस रकम में से 90 हजार रुपये खर्च भी कर दिए। इस पर नगरपालिका ने इन पर कार्रवाई भी की, जिसको लेकर ही ये ऐसी हरकत कर रहे हैं। और नगरपालिका अध्यक्ष के कक्ष में इन्होंने गोहरा भी छोड़ा।
साथ ही सीएमओ से जब पूछा गया कि उक्त भूमि वक्फ बोर्ड की है जिस पर इन्होंने कब्जा किया हुआ है तो वहां इन्हें आवास कैसे स्वीकृत हुआ। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ये पुराना मामला है, इसके बारे में मुझे जनाकारी नहीं है। वहीं, संबंधित व्यक्ति के आवास की आगामी कार्यप्रणाली को लेकर सीएमओ ने बताया कि इनके लिए उक्त जमीन को छोड़कर अन्य जगह तालाश की जा रही है। जहां का इन्हें पट्टा दिया जाएगा और ये वहीं इनके आवास का निर्माण करेंगे।