धार
मालवा के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. अशोक शास्त्री ने एक विशेष भेंट में बताया कि आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है । गुरु पूजा और श्री व्यास पूजा के लिए पूर्णिमा तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है । इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व आज 3 जुलाई, सोमवार को मनाया जाएगा । इस दिन गुरु के आशीर्वाद से व्यक्ति धन- संपत्ति, सुख- शांति और यश की वरदान प्राप्ति होती है । गुरु पूर्णिमा के दिन ही वेदव्यास का जन्म हुआ था, इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है ।
डॉ. अशोक शास्त्री के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन दो विशेष योग बन रहे हैं , पहला ब्रह्म योग 2 जुलाई शाम 7.26 बजे से लेकर 3 जुलाई 3.35 बजे तक रहेगा । जबकि दूसरा योग इंद्र योग का है. यह योग 3 जुलाई दोपहर 3.45 से 4 जुलाई की सुबह 11.50 बजे तक रहेगा ।
डॉ. अशोक शास्त्री ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर घर की साफ- सफाई करें । इसके बाद स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें । इसके बाद साफ जगह पर गुरु व्यास की प्रतिमा को स्थापित कर उन्हें चंदन, फूल और प्रसाद अर्पित करें. पूजा करते समय 'गुरुपंरपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये' मंत्र का जाप करें । व्यास जी के चित्र को सुगन्धित फूल या माला चढ़ाकर अपने गुरु के पास जाएं । गुरू को वस्त्र, फल-फूल और माला अर्पण कर कुछ दक्षिणा यथासामर्थ्य धन के रूप में भेंट करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए ।
डॉ. शास्त्री के अनुसार पौराणिक काल के महान व्यक्तित्व, ब्रह्मसूत्र, महाभारत, श्रीमद्भागवत और अट्ठारह पुराण जैसे अद्भुत साहित्यों की रचना करने वाले महर्षि वेदव्यास जी का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को हुआ था । इस दिन केवल गुरु की ही नहीं बल्कि परिवार में जो भी आपसे बड़ा है उसे भी गुरु तुल्य समझना चाहिए । आज के दिन गुरु के आशीर्वाद से जीवन का कल्याण और मंगल होता है । गुरु से मन्त्र प्राप्त करने के लिए भी यह दिन श्रेष्ठ है ।