भुवनेश्वर
पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को लेकर लंबे समय से सरकार और भाजपा के बीच तनातनी चली आ रही है। मंदिर के रत्न भंडार की चाबियां बीते चार दशक से गायब हैं और इसे खोला नहीं गया है। अब भाजपा नेता समीर मोहंती ने ओडिशा हाई कोर्ट में पीआईएल फाइल की है और रत्नभंडार को खुलवाने की मांग की है।
अधिकारियों के मुताबिक भाजपा नेता ने हाई कोर्ट से कहा है कि मंदिर के आंतरिक रत्न भंडार को खोलने का आदेश दिया जाए ताकि इसकी मरम्मत करवाई जा सके। ओडिशा में पूर्व भाजपा अध्यक्ष रहे मोहंती का कहना है कि श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्नभंडार की डुप्लिकेट चाबियों को लेकर सीबीआई से जांच करवाई जाए। वहीं भगवान जगन्नाथ बाराग्रही के चीफ स्वैन महापात्रा ने होली के मौके पर पुराने गहनों के इस्तेमाल पर नाखुशी जताई थी। गौरतलब है कि पिछले गुरुवार शाम को भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की राजराजेश्वर वेश वाली परंपरा निभाई गई। इसे सुना बेशा के नाम से भी जानते हैं। बताया जाता है कि पुरी के राजा कपिलेंद्र देव पड़ोसी राज्य से बड़ी मात्रा में सोना जीतकर लाए थे।
इसके बाद उन्होंने कीमती सोने के आभूषण 1460 में मंदिर में दान कर दिए थे। तभी से रथ यात्रा के दौरान सुना बेशा की परंपरा निभाई जाती है। बताया जाता है कि कपिलेंद्र देव के वक्त में भगवान जगन्नाथ के पास 138 तरह के सोने के आभूषण थे। लेकिन आजकल इन्हें केवल 35 तरह के आभूषणों से सजाया जाता है जिनका वजन 208 किलो है। दशकों से भगवान जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार नहीं खुला है। ओडिशा में विपक्षी कहते रहे हैं कि सरकार के रवैये को देखकर लगता है कि रत्न भंडार में आभूषण अब सुरक्षित नहीं हैं।