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पीस ऑफ माइंड के लिए सेवा और समर्पण जरुरी है – मंत्री सखलेचा

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 भोपाल

सेवा ही सर्वोच्च धर्म विषय पर मंथन करने सी-20 सेवा कार्यकारी समूह के दो दिवसीय सेवा सम्मेलन शनिवार से शुरु हो गया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा है कि सरकार के साथ सरकारी व्यवस्था में बैठकर एडमिनिस्ट्रेशन के बारे में ही सोचना ठीक नहीं उनके सेवा भाव को जमीन पर उतारना जरुरी है। केवल डयूटी समझ कर काम किया  तो दुनिया के कई वायरस, दुनिया की कई पॉलिसी में कई रुकावट आती है। एक दूसरे के लिए समर्पण जरुरी है। पीस आॅफ माइंड के लिए सेवा और समर्पण जरुरी है।

उन्होंने कहा कि सरकार की पॉलिसी के साथ जब सेवा जुड़ता है तो हम सब नियमों को बचाते हुए उसमें से रास्ता निकालते हुए हम अपनी सेवा पहुंचा पाते है। भारत में हर व्यक्ति सेवा कार्य से जुड़ा है। जब तक वह सेवा न करे तब तक उसकी रात की नींद या मन की संतुष्टि नहीं होती, यह सब सेवा के भाव से आता है। पूरा परिवर्तन प्रशासन का उसका हिस्सा है। यह देश प्रदेश ही नहीं जिला और तहसील तक वसुधैव कुटुम्बकम को पूरा करने पूरा तंत्र लगा हुआ है।

प्रथम सत्र में सेवा भाव पर विचार
सम्मेलन के पहले सत्र में भारतीय परिदृश्य में वैश्विक रूप से सेवा भाव पर विचार किया जा रहा है। इस सत्र में सेवा के क्षेत्र में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका और सहयोग से समग्र विकास पर चर्चा की जा रही है। इस सत्र में खलीफा बिन जॉयेद अल नाहयन फाउंडेशन के जनरल डायरेक्टर मोहम्मद हाजी अल खूरी और प्लान इंडिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर मोहम्मद आसिफ और जॉन स्नो इंडिया के कंट्री डायरेक्टर और मैनेजिंग डायरेक्टर संजय कपूर ने भी अपने विचार रखे। सत्र का संचालन यूथ आॅफ इंडिया फाउंडेशन के फाउंडर शैलेश सिंघल ने किया।

चौथे सत्र में महिलाओं की भागीदारी पर विचार
चौथे सत्र में महिलाओं की भागीदारी और संयुक्त प्रयास पर चर्चा होगी। इसमें विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी की उपाध्यक्ष पद्मश्री निवेदिता भिड़े, राइजिंग फ्लेम की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर निधि गोयल, भारतीय स्त्री शक्ति की उपाध्यक्ष नयना सहस्त्रबुद्धे विचार रखेंगी। सम्मेलन के पहले दिन के अंतिम सत्र में वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के वैश्वीकरण पर वक्ता अपने विचार रखेंगे।

दूसरे सत्र में सीएसआर पर चर्चा
दूसरे सत्र में विकास के लिए सेवा और कारपोरेट सोशल रिस्पांसब्लिटी पर चर्चा होगी। इसमें शिवगंगा झाबुआ के संस्थापक सदस्य राजाराम कटारा, विकास भारती के सचिव पद्यश्री अशोक भगत, सेवा इंटरनेशनल इंडिया के ग्लोबल को-आर्डीनेटर श्याम पराडे अपने विचार रखेंगे।

तीसरे सत्र में बेस्ट प्रेक्टिसेज ऑफ इंडिपेंडेंट सेवा योगी पर चर्चा
तीसरे सत्र में समाज में बदलाव लाने वाले व्यक्तियों के कार्यो पर विचार किया जाएगा। इसमें बेस्ट प्रेक्टिसेज ऑफ इंडिपेंडेंट सेवा योगीज पर चर्चा होगी। इसमें पर्यावरणविद किनखाबवाला, पर्यावरण विद और उद्यमी अश्विनी खुराना, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के नेशनल कनवेनर गोपाल आर्य, गिवमी ट्रीज के संस्थापक स्वामी प्रेम परिवर्तन विचार रखेंगे।