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बालासोर रेल हादसे में रेलवे ने जांच में 2 विभागों को दोषी पाया

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नई दिल्ली

ओडिशा के बालासोर में 2 जून को बेंगलुरु से चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना की जांच में रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने दो विभागों सिग्नलिंग और ऑपरेशंस (यातायात) के कर्मचारियों को संयुक्त रूप से जिम्मेदार ठहराया है। आपको बता दें कि इस हादसे में 288 लोगों की जान चली गई थी। सूत्रों ने कहा है कि बुधवार को रेलवे बोर्ड को सौंपी गई सीआरएस रिपोर्ट में बाहरी हस्तक्षेप की बात नहीं कही गई है। इस पहलू पर सीबीआई जांच कर रही है।

रेलवे बोर्ड के सूत्रों ने शुक्रवार को द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जांच में पाया गया है कि सिग्नलिंग मेंटेनर ने मरम्मत कार्य करने के लिए स्टेशन मास्टर को उचित प्रक्रिया के अनुसार डिस्कनेक्शन मेमो सौंपा था। काम पूरा होने के बाद एक रीकनेक्शन मेमो भी जारी किया गया, जिसका अर्थ था कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नलिंग सिस्टम लाइव था।

जांच में यह भी बात सामने निकलकर आई है कि ट्रेन को गुजरने की अनुमति देने से पहले सिग्नलिंग प्रणाली का परीक्षण करने के सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा सिग्नलिंग स्टाफ ने पुन: कनेक्शन मेमो जारी होने के बाद भी काम करना जारी रखा।

जांच के दौरान यह भी पता चला है कि रिपोर्ट में रिले रूम तक पहुंचने के लिए प्रचलित प्रोटोकॉल में खामियां पाई गई हैं। इसके लिए रेलवे सिस्टम में सिग्नलिंग स्टाफ और स्टेशन मास्टर दोनों जवाबदेह हैं।

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह प्रोटोकॉल है कि जब भी किसी भी संपत्ति का रखरखाव किया जाता है, तो संबंधित इंजीनियरिंग स्टाफ के साथ परिचालन स्टाफ भी ट्रेनों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होता है। चाहे वह ट्रैक से संबंधित हो या सिग्नलिंग से संबंधित हो।"

रेलवे बोर्ड ने हाल ही में खड़गपुर मंडल रेलवे प्रबंधक (डीआरएम) शुजात हाशमी और दक्षिण पूर्व रेलवे के सिग्नलिंग, सुरक्षा, वाणिज्यिक विभागों के प्रमुखों का तबादला कर दिया। शुक्रवार को दक्षिण पूर्व रेलवे की महाप्रबंधक अर्चना जोशी का भी ट्रांसफर कर दिया गया। पूर्वोत्तर रेलवे के अतिरिक्त महाप्रबंधक एके मिश्रा को दक्षिण पूर्व रेलवे का नया जीएम नियुक्त किया गया है।