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1 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा, पहले दिन बने 4 शुभ संयोग, 62 दिन होंगे दर्शन, श्रावण पूर्णिमा पर समापन

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साल 2023 में अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ 1 जुलाई दिन शनिवार से हो रहा है. अमरनाथ यात्रा के पहले दिन 4 शुभ संयोग बन रहे हैं, जो इस दिन को और भी विशेष बना रहे हैं. इस साल अमरनाथ यात्रा 62 दिनों की है. श्रावण पूर्णिमा के दिन इसका समापन होगा. अमरनाथ यात्रा के लिए शिव भक्त पूरे वर्ष इंतजार करते हैं, ताकि उनको पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन हों. बाबा अमरनाथ की यात्रा बेहद ​कठिन होती है, इसके लिए कई मौसम संबंधी चुनौतियों को पार करना होता है. कभी ठंड तो कभी बारिश का मौसम हर कदम पर शिव भक्तों की परीक्षा लेता है. अमरनाथ यात्रा के शुभारंभ पर कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं?

अमरनाथ यात्रा 2023 का शुभारंभ
इस साल अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ 1 जुलाई को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हो रहा है. इस दिन त्रयोदशी तिथि रात 11 बजकर 07 मिनट तक है. यह शिव आराधना का दिन है. इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है.

कब से कब तक है अमरनाथ यात्रा 2023?
अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई 2023 से प्रारंभ होकर 31 अगस्त 2023 तक चलेगी. श्रावण पूर्णिमा को अमरनाथ यात्रा का अंतिम दिन होगा. इस दिन पूजा के बाद यात्रा का समापन हो जाएगा.

अमरनाथ यात्रा के पहले दिन बने 4 शुभ संयोग
पंचांग के आधार पर देखा जाए तो इस साल अमरनाथ यात्रा के शुभारंभ पर यानि पहले दिन 4 शुभ संयोग बन रहे हैं. पहला शुभ संयोग है शनि प्रदोष व्रत. इस दिन शनि प्रदोष का व्रत रखकर शाम में शिव पूजा करते हैं, इससे संतान सुख प्राप्त होता है.

अमरनाथ यात्रा के प्रारंभ वाले दिन दूसरा शुभ संयोग है शिववास का. 1 जुलाई को प्रात:काल से ही शिववास है. इस दिन भगवान शिव का वास नंदी पर रात 11 बजकर 07 मिनट तक है. शिववास रुद्राभिषेक के लिए जरूरी होता है.

इस दिन तीसरा शुभ संयोग है रवि योग. 1 जुलाई को रवि योग दोपहर 03 बजकर 4 मिनट से प्रारंभ हो रहा है, अगले दिन सुबह 05 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.

इस दिन चौथा संयोग है शुभ योग तथा अनुराधा नक्षत्र. अमरनाथ यात्रा के पहले दिन प्रात:काल से शुभ योग बना है और अनुराधा नक्षत्र है. शुभ योग रात 10 बजकर 44 मिनट तक है और उसके बाद से शुक्ल योग है. वहीं अनुराधा नक्षत्र दोपहर 03 बजकर 04 मिनट तक है, उसके बाद से ज्येष्ठा नक्षत्र प्रारंभ है.

अमरनाथ यात्रा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने पवित्र अमरनाथ गुफा में माता पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई ​थी. लेकिन वे बीच में ही सो गईं. इस पवित्र अमरनाथ गुफा में हर साल बर्फ का शिवलिंग बनता है और उसकी पूजा की जाती है. बाबा अमरनाथ की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और कष्ट दूर होते हैं.