नई दिल्ली
सरकार ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के जरिए विदेशों में खर्च उदारीकृत धन प्रेषण योजना (एलआरएस) के अंतर्गत नहीं आएगा और इसीलिए इस पर स्रोत पर कर कटौती नहीं होगी। साथ ही, एलआरएस के तहत यात्रा खर्च समेत भारत से विदेशों में धन भेजने पर 20 प्रतिशत की ऊंची दर से स्रोत पर कर कटौती (टीसीएस) के क्रियान्वयन को तीन महीने के लिये टालने का निर्णय किया गया है। यह अब एक अक्टूबर से प्रभाव में आएगा। हालांकि एक अक्टूबर से विदेशों में क्रेडिट कार्ड खर्च पर टीसीएस नहीं लगेगा।
उच्च दर से टीसएस तभी लागू होगा, जब उदारीकृत धन प्रेषण योजना के अंतर्गत भुगतान सात लाख रुपये की सीमा से ऊपर हो। सरकार ने वित्त विधेयक 2023 में उदारीकृत धन प्रेषण योजना के तहत शिक्षा और चिकित्सा को छोड़कर भारत से किसी अन्य देश को पैसा भेजने के साथ विदेश यात्रा पैकेज खरीदने पर टीसीएस पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया था। साथ ही एलआरएस के अंतर्गत टीसीएस लगाने के लिए सात लाख रुपये की सीमा हटा दी गई। ये संशोधन एक जुलाई, 2023 से लागू होने थे।
वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘‘विभिन्न पक्षों से मिली टिप्पणियों और सुझावों के बाद इसमें उपयुक्त बदलाव का निर्णय किया गया है। सबसे पहले, यह निर्णय लिया गया है कि एलआरएस के तहत सभी उद्देश्यों और विदेश यात्रा टूर पैकेज के लिये प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष सात लाख रुपये तक की राशि के लिए टीसीएस की दर में कोई बदलाव नहीं होगा। भले ही भुगतान किसी भी तरीके से क्यों न किया गया हो।''
मंत्रालय ने कहा, ‘‘संशोधित टीसीएस दरों के क्रियान्वयन और एलआरएस में क्रेडिट कार्ड भुगतान को शामिल करने के लिये अधिक समय देने का भी निर्णय किया गया है।'' वित्त मंत्रालय ने कहा कि विदेश यात्रा पैकेज खरीदने को लेकर सात लाख रुपये प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष खर्च पर टीसीएस पांच प्रतिशत की दर से लगेगा। 20 प्रतिशत की दर तभी लागू होगी जब खर्च इस सीमा से अधिक होगा।''