भोपाल
राज्य सरकार ग्रामीण आबादी में बसे लोगों को स्वामित्व अधिकार पत्र दे रही है लेकिन इन गांवों से बसे क्षेत्र जहां आबादी क्षेत्र घोषित नहीं है उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे लोगों में भारी नाराजगी है। इसलिए सरकार अब ग्रामीण आबादी सर्वे(स्वामित्व) योजना में शामिल किए गए गांवों में भी स्वामित्व अधिकार पत्र देने की तैयारी है। ग्रामीण आबादी भूमि के जीआईएस आधारित सर्वेक्षण और भू मापन का कार्य प्रदेश में चल रहा है। जिन भूखंडधारियों को आबादी सर्वे के आधार पर अधिकार अभिलेख तैयार किये जाने के बाद धारक को उसके द्वारा धारित भू खंड के भूमिस्वामित्वाधिकार का प्रमाणीकरण प्रदाय किया जाता है।
किसी भी गांव में इस योजना के अंतर्गत कार्यवाही प्रारंभ करने के लिए सेटेलाईट इमेज और ड्रोन से प्राप्तज इमेज के आधार पर प्रारंभिक नक्शा तैयार किया जाता है। ऐसे नक्शे में दर्शित भूखंडों के विषय में ऐसे गांव की घोषित एवं अभिलिखित आबादी में शामिल भूखंडों के विषय में अधिकार अभिलेख तैयार किया जाता है। ऐसे अधिकार अभिलेख को अंतिम रुप दिए जाने के बाद धारक को प्रमाणीकरण के रुप में भू अभिलेख की प्रतियों के साथ-साथ सामित्वाधिकार प्रदान किया जाता है।
लेकिन ग्रामीण अंचलों में यह तथ्य सामने आए है कि अभिलिखित आबादी के बाहर ऐसी अभिलिखित आबादी से सटे हुए भू-भाग में चाहे ऐसे भूभाग सरकारी भूमि का अंश हो अथवा निजी भूमि का, वहां बसे ग्रामीणों को भले ही सर्वे के अनुसार मौके पर विद्यमान हो तथा सर्वे में उनके तथ्यात्मक विवरण भी दर्ज हो गए हो उन्हें इस कारण से कि ऐसा भूभाग क्षेत्र विधिवत ग्राम आबादी का भाग नहीं है कोई स्वामित्वाधिकार प्रदान नहीं किया जाता है। इस प्रकार की प्रक्रिया से एक ओर जहां आबादी क्षेत्र में बसे लोगों को अधिकार पत्र मिल रहे है और उनमें संतोष है वहीं दूसरी ओर जिन्हें आबादी घोषित नहीं होंने के कारण अधिकार पत्र प्रदाय नहीं किया जा रहा है उनमें असंतोष देखने में आ रहा है।
आयोग का सुझाव
आयोग का यह भी सुझाव है कि जिन गांवों में ग्रामीण आबादी सर्वे का काम पूरा किया जा चुका है और सर्वे में यह पाया गया है कि कतिपय बसाहट अभिलिखित आबादी के बाहर या उपांत क्षेत्र में पाई गई है तथा सर्वे अनुसार उसके सभी अभिलेख तैयार किये जा चुके है ऐसे बाहर या उपांत क्षेत्र के भू भाग को नियमानुसार आबादी घोषित कने की कार्यवाही की जाए और इस प्रकार आबादी घोषित किये जाने के बाद सर्वे अनुसार पाई गई बसाहट के भूखंडधारियों को स्वामित्व अधिकार पत्र प्रदान किए जाए।