नई दिल्ली। दिल्ली में लोकसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर बयानबाजी तो जमकर हो रही है लेकिन अभी तक आधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक जब तक सीट शेयरिंग पर कोई बात नहीं बनती, तब तक कोई घोषणा नहीं की जा सकती। आम आदमी पार्टी जहां पहले दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा और पंजाब में भी सीटों की मांग कर रही थी लेकिन पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच अब दिल्ली को केंद्र में रखकर भी बात हो रही है। अगर हरियाणा और पंजाब में कोई सीट शेयरिंग नहीं होती तो आम आदमी पार्टी दिल्ली में 5-2 के फॉर्म्युले पर तैयार हो सकती है। एनबीटी को पता चला है कि आप का रुख फिलहाल है कि अगर केवल दिल्ली की बात होती है तो दिल्ली में कांग्रेस को अधिकतम दो सीटें ही दी जा सकती हैं। सूत्र बताते हैं कि अगर कांग्रेस की ओर से हरियाणा-पंजाब में सीट शेयरिंग पर कोई बात होती है तो फिर दिल्ली में 5-2 के फॉर्म्युले में बदलाव भी हो सकता है। हालांकि आप सूत्रों का यह भी कहना है कि कांग्रेस बुरी तरह से कन्फ्यूजन की स्थिति में लग रही है। यही कारण है कि आप के सातों कैंडिडेट ने जोर-शोर से अपना अभियान शुरू कर दिया है। हर दिन बीतने के साथ देर हो रही है और कांग्रेस तय नहीं कर पा रही है कि क्या किया जाए। मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस और आप की टॉप लीडरशिप के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत तो हुई है लेकिन अभी तक कांग्रेस का रुख स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। आप के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस की स्टेट लीडरशिप अलग बयान देती है और सेंट्रल लीडरशिप का बयान अलग देखने को मिल रहा है। आम आदमी पार्टी दिल्ली की सभी सात सीटों पर अपने कैंडिडेट्स घोषित कर चुकी है। पार्टी ने छह सीटों पर तो काफी पहले ही कैंडिडेट्स घोषित कर दिए थे और हाल ही में वेस्ट दिल्ली के कैंडिडेट के नाम का भी ऐलान कर दिया है। दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन का ऐलान तो नहीं हुआ लेकिन कौन-कौन सी सीट कांग्रेस को दी जा सकती है, इस पर भी चर्चा लंबे समय से चल रही हैं। सीटों को लेकर कयास भी लगाए जा रहे हैं। वहीं आप के कैंडिडेट्स का कहना है कि वे पूरी तैयारी के साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं और जनता का समर्थन मिल रहा है।