चंद्रपुर
महाराष्ट्र के प्रसिद्ध ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व (टीएटीआर) में जल्द ही महिला वाहन चालक लोगों को सफारी पर ले जाती नजर आएंगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वन विभाग ने निकट के गांवों में रहने वाले लोगों को रोजगार प्रदान करने के मकसद से यह पहल की है।
अधिकारी ने बताया कि 30 महिलाओं के पहले बैच ने प्रशिक्षण शुरू किया और पाठ्यक्रम के सफलतापूर्वक पूरा करने पर उन्हें 'ड्राइविंग लाइसेंस' दिए जाएंगे। इनमें कई आदिवासी महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस परियोजना का पहला चरण चंद्रपुर के ताडोबा वन रेंज के खुटवांडा गांव में शुरू किया गया था। कार्यक्रम में खुटवांडा, घोसरी, सीतारामपेठ की महिलाएं शामिल हुईं। बाद में कोलारा, सतारा, ब्राह्मणगांव, भामटेडी, कोंडेगांव और मोहरली जैसे गांवों की महिलाओं को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।''
उन्होंने बताया कि एक निजी कंपनी महिलाओं को गाड़ी चलाने का प्रशिक्षण देगी जिसके बाद वन विभाग के अधिकारी भी उनसे वाहन चलवाएंगे। इसके बाद ही उन्हें सफारी के लिए वाहन चलाने की अनुमति दी जाएगी। प्रशिक्षण का पूरा खर्च टीएटीआर वहन करेगा।
अधिकारी ने बताया कि यह परियोजना राज्य में अपनी तरह की पहली परियोजना है, जिसका विचार टीएटीआर के फील्ड निदेशक एवं वन संरक्षक डॉ. जितेंद्र रामगांवकर का आया था। उन्होंने कहा कि परियोजना को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है और पहले बैच के लिए 84 आवेदन मिले थे।