भोपाल
हमीदिया अस्पताल में नए व पुराने टेंडर के खेल में लगभग तीन दर्जन से ज्यादा हार्ट के मरीजों की एंजियोप्लास्टी डेढ़ माह से अटकी हुई है। पुराना टेंडर खत्म होने के बाद प्रबंधन ने नया टेंडर किया, जिसमें वेंडर ने हार्ट पेशेंट के ऑपरेशन व इलाज से जुड़ा सामान तो दे दिया, लेकिन अब तक स्टेंट की सप्लाई नहीं की गई। यह पोल अस्पताल में भर्ती 68 फीसदी ब्लॉकेज वाले एक मरीज के बेटे ने खोली। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने तत्काल ऑपरेशन की सलाह दी है। मगर अस्पताल के पास स्टेंट ही नहीं है।
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार प्रबंधन ने नियमों के अनुसार कम दाम में स्टॉक देने वाली वेंडर को टेंडर दिया है। साथ ही नया वेंडर इलाज का सामान सीधे डिपार्टमेंट को सप्लाई करेगा। जो पहले अमृत फार्मेसी के माध्यम से अस्पताल को सप्लाई होती थी। वहीं विभाग के डॉक्टरों ने कम रेट वाले टेंडर में स्टेंट की गुणवत्ता खराब होने की चिंता जाहिर की है। जिस पर प्रबंधन की तरफ से लिखित तौर पर शिकायत करने को कहा। यदि शिकायत सही निकलती है तो वेंडर को ब्लैकलिस्टेड करने की कार्यवाही तक की जा सकती है।
सस्ते स्टेंट से मरीजों का कम होगा आर्थिक बोझ
मरीज के बेटे ने बताया कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे पिता की एंजियोप्लास्टी निजी अस्पताल में करा सकें। करीब एक सप्ताह पहले मरीज की घर पर तबीयत खराब हुई थी। जिसके बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में पता चला कि मरीज के हार्ट में 68 फीसदी से अधिक ब्लॉकेज हैं। प्रबंधन के अधिकारी ने बताया कि अस्पताल को कम दाम में स्टेंट मिलने से मरीजों को लाभ होगा। इसके जरिए उन पर इलाज का आर्थिक बोझ कम पड़ेगा। जो मरीज आयुष्मान योजना में कवर नहीं है ऐसे मरीजों की 8 से 10 हजार रुपए तक की बचत हो सकती है। चूंकि इलाज इसी अस्पताल में होना है इसलिए मरीज अपना नाम बताने से बचते हैं।
टेंडर प्रक्रिया चल रही है…
जल्द ही स्टेंट आ जाएंगे, इसके लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को इससे किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
डॉ. आशीष गोहिया, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल