मुंबई
मुंबई पुलिस ने सोमवार को एक स्थानीय अदालत को बताया कि सोशल मीडिया 'इन्फ्लुएंसर' सपना गिल का यह आरोप 'झूठा और निराधार' है कि भारतीय क्रिकेटर पृथ्वी शॉ ने मुंबई के उपनगरीय अंधेरी इलाके में एक पब में उनके साथ छेड़छाड़ की थी। जांच अधिकारी (आईओ) सोमवार को मामले की सुनवाई कर रहे मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश हुए और इस संबंध में रिपोर्ट सौंपी। पुलिस रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद, गिल के वकील अली काशिफ खान ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें कथित विवाद का वीडियो फुटेज पेश करने की अनुमति दी जाए, जिसे गिल के दोस्त ने अपने फोन में रिकॉर्ड किया था, जो मीडिया में वायरल हो गया। उन्होंने पब के बाहर हुई घटना का सीसीटीवी फुटेज भी मांगा।
अदालत ने पुलिस को पूरी घटना का फुटेज सौंपने को कहा और मामले की सुनवाई 28 जून तक के लिए स्थगित कर दी। गिल ने अंधेरी में एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें शॉ और उनके दोस्त आशीष यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (किसी महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), धारा 509 (किसी महिला का शील भंग करने के इरादे से शब्द, इशारा या कृत्य) और धारा 324 (जानबूझकर खतरनाक हथियारों या अन्य तरीकों से चोट पहुंचाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था। गिल का आरोप है कि शॉ और आशीष ने फरवरी में उसके ऊपर बल्ले से हमला किया था।अदालत का रुख करने से पहले, गिल ने शॉ और उसके दोस्त के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज करने के लिए अंधेरी स्थित हवाई अड्डा पुलिस थाने में संपर्क किया था।
पुलिस ने अदालत को बताया कि पब के सीसीटीवी फुटेज की जांच से पता चलता है कि गिल और उसका दोस्त शोबित ठाकुर नशे में नाच रहे थे। पुलिस के अनुसार, ठाकुर अपने मोबाइल फोन से शॉ की रिकॉर्डिंग करना चाहते थे, लेकिन क्रिकेटर ने उन्हें वीडियो लेने से रोक दिया। पुलिस ने कहा कि फुटेज देखने पर ऐसा नहीं लगता कि शॉ और अन्य लोगों ने गिल के साथ किसी भी तरह से छेड़छाड़ की। पुलिस ने कहा कि उन्होंने उस पब में मौजूद गवाहों के बयान दर्ज किए हैं, जहां कथित घटना हुई थी और उन्होंने कहा कि किसी ने भी गिल को गलत तरीके से नहीं छुआ। पुलिस ने हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) टावर के आसपास के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की और यह पाया कि सोशल मीडिया 'इन्फ्लुएंसर' गिल हाथ में बेसबॉल बैट लेकर शॉ की कार का पीछा कर रही थीं।
पुलिस ने अदालत को बताया गया कि फुटेज से पता चलता है कि गिल ने क्रिकेटर की कार का शीशा तोड़ दिया। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पुलिस ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अधिकारियों के भी बयान दर्ज किए हैं और उन्होंने भी कहा है कि जैसा गिल ने दावा किया है, वैसी कोई घटना नहीं हुई है।पुलिस ने कहा कि गिल की शिकायत के अनुसार की गई जांच से पता चलता है कि पृथ्वी शॉ और अन्य के खिलाफ आरोप झूठे और निराधार हैं।