Home राजनीति दिल्ली को पूर्ण राज्य का मुद्दा पार्टी के लिए अहम है –...

दिल्ली को पूर्ण राज्य का मुद्दा पार्टी के लिए अहम है – गोपाल राय

82

नई दिल्ली – आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में महागठबंधन की सरकार बनने के असार दिख रहे हैं। इस गठबंधन का हिस्सा बनने का फैसला देश के संविधान की रक्षा और देश को तानाशाही से मुक्त करने के लिए किया है। गोपाल राय ने ये उद्गार डिजिटल प्लेटफॉर्म फेसबुक के जरिये पार्टी के पूर्ण राज्य अभियान पर पूछे गए सवालों के जवाब में दिए।उन्होंने स्पष्ट किया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का मुद्दा पार्टी के लिए अहम है। पार्टी केंद्र में महागठबंधन को समर्थन इसी शर्त पर देगी कि महागठबंधन की सरकार शीघ्र दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का काम करे। पूछे गए प्रश्न व जवाब पूर्ण राज्य क्या है और इसकी जरूरत क्यों है, जब जनता किसी राज्य में वोट के माध्यम से एक सरकार का चुनाव करती है और उस सरकार को राज्य में विकास करने के सारे निर्णय लेने के अधिकार प्राप्त होते हैं। इसके तहत वो जनता के भलाई के काम कर सकें,उसे पूर्ण राज्य कहते हैं। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान आदि सभी पूर्ण राज्य हैं, क्योंकि दिल्ली एक आधा अधूरा राज्य है। किसी भी कार्य को करने के लिए दिल्ली सरकार को केंद्र से अनुमति लेनी पड़ती है। केंद्र सरकार दिल्ली के हर काम में अड़ंगा लगाती है। भाजपा और कांग्रेस का आरोप है कि आप अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए पूर्ण राज्य का मुद्दा उठा रहे हो,भाजपा और कांग्रेस ने समय-समय पर खुद भी दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य की मांग को उठाया है। लेकिन,आज जब दिल्ली में केजरीवाल की सरकार है तो दोनों पार्टियां अब पूर्ण राज्य का विरोध कर रही हैं। यह इन दोनों पार्टियों की बौखलाहट का नतीजा है। काम की बात की जाए तो आम आदमी पार्टी जब चुनाव लड़ी थी तो अपने घोषणा पत्र में 70 वादे किए थे। पिछले चार साल में केंद्र सरकार की हजारों अड़चनों के बाद भी हमारी सरकार ने अपने 90 फीसद वादे पूरे कर दिए हैं। पूर्ण राज्य बनने से दिल्ली वालों को क्या फायदा होगा, पूर्ण राज्य न होने की वजह से दिल्ली आज आधा राज्य है। बहुत सारे काम ऐसे हैं जो दिल्ली सरकार चाह कर भी नहीं कर सकती। उदाहरण के तौर पर महिला सुरक्षा बच्चों के लिए उच्च शिक्षा का मामला ,युवाओं को रोजगार का मुद्दा, मेट्रो के बढ़ते किराये का मुद्दा, आदि मामलों में दिल्ली की सरकार कुछ नहीं कर सकती